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शुरूआत में ही भाजपा में रार का बीज

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शुरूआत में ही भाजपा में रार का बीज

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सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा जिलाध्यक्ष लुबाराम चैधरी के पुतला फूंकने से तो विवाद सार्वजनिक हुआ, लेकिन विवाद का यह बीज खुद चुनाव प्रभारी जनार्दनसिंह की ब्लाॅक चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति के साथ ही डल गए थे।

पार्टी के असंतुष्ट खेमे की मानें तो उन्हें ऐसे लोगों को चुनाव प्रभारी बनाने की जिमेदारी सौंपी गई थी जो निष्पक्ष और पार्टी के प्रति जवाबदेह हों, लेकिन वह ऐसे लोगों को जिले के ब्लॉकों में चुनाव करवाने की जिमेदारी सौंप गए जो खुद पद पर आसीन हैं और पार्टी के प्रति उन्हें इन पदों पर आसीन करने वाले लोगों के प्रति जवादेही सिद्ध करने की होड़ में लगे हैं। असंतुष्टों का यह शक भी जायज है कि जनार्दनसिंह की ओर से बनाए गए ब्लॉक चुनाव प्रभारी फिर से इन्हीं पदों पर आसीन होने के लिए उसी व्यक्ति के लिए लॉबिइंग करेंगे जिसने उन्हें जिले में लेटरहेड पर छापने के लिए एक पद दे दिया है।

सभी वर्तमान पदाधिकारी
जिले में भाजपा के दस मंडल हैं। इनके मंडल अध्यक्षों के चुनाव करवाने हैं। इन सभी पर वर्तमान जिलाध्यक्ष लुबाराम चैधरी की टीम के वो लोग चुनाव प्रभारी बनाए गए हैं, जो लुबाराम चैधरी की मेहरबानी से जिला व मंडल की कार्यकारिणी में स्थान पा पाए हैं। इनमें से अधिकांश नाम पहले हाशिये पर ही थे और पिछले लबे समय से देखा जाए तो यह लोग पार्टी के लिए तो कुछ भी विशेष नहीं कर पाए।

शिवगंज नगर मंडल का चुनाव प्रभारी भूराराम प्रजापत को बनाया गया है। यह लुबाराम चैधरी की वर्तमान टीम में जिला मंत्री हैं। यह पद पहली बार इन्हें मिला है। शिवगंज ग्रामीण मंडल के चुनाव प्रभारी सिरोही के सभापति ताराराम माली हैं। सिरोही नगर मंडल के चुनाव प्रभारी विजय गोठवाल हैं, यह भी पहली बार जिला मंत्री बने हैं। सिरोही ग्रामीण मंडल के चुनाव प्रभारी मदनसिंह देवड़ा थल हैं, यह पहली बार जिला उपाध्यक्ष बने हैं।

रेवदर पंचायत समिति चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगा और इन्हीं की कार्यप्रणाली से खफा होकर जिलाध्यक्ष लुबाराम चैधरी को पुतला फूंका गया। रेवदर मंडल के चुनाव प्रभारी दिनेश बिंदल हैं, लुबाराम चैधरी की टीम में यह वर्तमान में जिला उपाध्यक्ष हैं।

कालूराम जणवा को पिण्डवाडा नगर मंडल का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। यह पूर्व प्रधान हैं और वर्तमान विधानसभा चुनावों में पिण्डवाडा विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रामलाल राणोरा का साथ देने का आरोप भी लगा। सुनील व्यास को आबूरोड नगर मंडल का चुनाव प्रभारी बनाया गया है, यह पहली ही बार भाजपा की किसी कार्यकारिणी में आए हैं और वर्तमान में जिला कोषाध्यक्ष हैं।
माउण्ट आबू मंडल के चुनाव करवाने के लिए बाबूभाई पटेल को चुनाव प्रभारी बनाया गया है, इन्हें लुबाराम चैधरी ने जिला महामंत्री बनाया हुआ है। असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ताओं का यह शक वाजिब है कि इन लोगों को वर्तमान जिलाध्यक्ष ने फिर से खुद को जिलाध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए चुनाव प्रभारी बनवाया है।

पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि जिला चुनाव प्रभारी को निष्पक्ष चुनाव करवाने थे तो उन्हें तीन चार दिन जिले में प्रवास करके कर्मठ और निष्पक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रभारी बनाना चाहिए थे। उनका आरोप यह भी है कि चुनाव प्रभारी 25 सितबर को दो घंटे के लिए यहां आए और लुबाराम चैधरी की ओर से दी गई सूची में शामिल लोगों को ही ब्लॉकों में चुनाव प्रभारी बना दिया।

वैसे ब्लॉक चुनाव प्रभारियों के नाम और उनके पद देखकर यही प्रतीत हो रहा है कि भाजपा के संगठन चुनावों के लिए सिरोही जिले के ब्लॉकों में चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति में किसी भी तरह की निष्पक्षता का खयाल नहीं रखा गया है। ऐसा होता तो दस में से आठ ब्लॉक चुनाव प्रभारी वर्तमान जिलाध्यक्ष लुबाराम चैधरी की ओर से मनोनीत जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी नहीं होते। ऐसे में पार्टी में दरियां बिछाकर पार्टी का वजूद बनाने वाले अंतिम पंक्ति के कार्यकर्ता को भी बेहतर पद पर आसीन करने की निष्पक्षता  पार्टी कार्यकर्ताओं को कहीं नजर नहीं आती है।
मतदाता सूचियां भी उपलब्ध नहीं!
सिरोही भाजपा विवाद के भड़कने के पीछे एक कारण यह भी रहा है कि भाजपा संगठन के चुनाव लडने वाले किसी भी इच्छुक व्यक्ति को मतदाताओं की सूचियां नहीं दी गई। पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मतदाता सूचियां नहीं होने से वह इकाई व ब्लॉकों में किस तरह से संपर्क कर पाएंगे। यहां पर भाजपा की चुनाव प्रक्रिया वाकई संदिग्ध हो जाती है।

इस मामले में वह युवक कांग्रेस से भी ज्यादा पीछे नजर आती है। डिजीटल इंडिया की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी अपने ही कार्यकर्ताओं की डिजीटल सूची तैयार करवाने में नाकाम रही,जबकि सदस्यता अभियान पूरी तरह से डिजिटल था।

इसके विपरीत युवक कांग्रेस ने पांच साल पहले ही संगठन चुनावों की प्रक्रिया को अपनाते हुए संगठन का चुनाव लडने के इच्छुक प्रत्येक प्रत्याशी को कम से कम ऑनलाइन मतदाता सूची उपलब्ध करवा दी थी, संगठन चुनावों में उस समय ही पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई थी। यही कारण रहा कि युवक कांग्रेस के चुनाव अधिकांश राज्यों में बिना विवाद के सपन्न हुए थे। यह बात अलग है कि बाद में कई स्थानों पर भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हुए खुद कांग्रेस ने ही निर्वाचित पदाधिकारी की जगह मनानयन करके इस पारदर्शी प्रक्रिया का गल घोंट दिया था।

इसके विपरीत पारदर्शिता की बात करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पार्टी अपने ही अंतिम पंक्ति के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से पारदर्शिता नहीं बरत पा रहे हैं। यह मतदाता सूचियां ऑनलाइन भी उपलब्ध होती तो न स्थानीय कार्यकर्ताओं में चुनाव प्रक्रिया के प्रति संदेह उपजता और न ही जिलाध्यक्ष का पुतला जलने की नौबत आती।
एक समस्या यह भी
विवाद और विरोध का एक कारण और है। चुनाव लडने के इच्छुक पदाधिकारियों ने बताया कि जिस तरह से जिले की कार्यकारिणी को चुनाव करवाने के लिए चुनाव प्रभारी बनाकर ब्लाॅकों में भेजा उसी तरह से ब्लाॅकों की कार्यकारिणी को बूथों पर तथा बूथ की कार्यकारिणी को ईकाइयों पर भेजना चाहिए था।

चुनाव के लिए ब्लाॅक, बूथ की बैठक आयोजित करके ब्लाॅक चुनाव अधिकारियों को ब्लाॅकों के पदाधिकारियों को बूथों पर चुनाव अधिकारी बनाने का प्रस्ताव पारित करके नाम भी भेजे गए थे, लेकिन जिले से उलट ब्लाॅकों के पदाधिकारियों को बूथों पर चुनाव प्रभारी नहीं बनाया।

असंतुष्ट पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का आरोप यह है कि कथित रूप से जिलाध्यक्ष के ब्लाॅक चुनाव प्रभारियों ने बूथों पर भी अपने समर्थित लोगों को चुनाव प्रभारी बना दिया और ब्लाॅक पदाधिकारियों की अवहेलना की। वैसे यह सब समस्या हल करने की जिम्मेदारी जिला चुनाव प्रभारी जनार्दनसिंह गहलोत की थी, लेकिन फिलहाल तक तो ऐसा नहीं हुआ है।

इधर, सूत्रों की मानें तो जिलाध्यक्ष का पुतला फूंकने की घटना में शामिल भाजपाइयों के निष्कासन की संस्तुति प्रदेश से की है तो उधर सिरोही ग्रामीण ब्लाॅक मंडल के पूर्व महामंत्री गोविंद पुरोहित ने राजस्थान प्रदेश चुनाव प्रभारी श्यामसुंदर शर्मा को पत्र लिखकर मदनसिंह थल का पार्टी विरोधी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने की शिकायत करते हुए उन्हें चुनाव प्रभारी के पद से हटाने को लिखा है।

इनका कहना है…
हमे जिलाध्यक्ष ने वोटर लिस्ट दी है। वैसे इसमें कई वोटर्स के नामों को लेकर असमंजस है। इनके ब्लाॅक्स बदल गए हैं। वोटर लिस्ट में दिए हुए नम्बरों के आधार पर फोन करके सदस्यों के संबंधित ब्लाॅक का होने की तस्दीक कर सकते हैं। संगठन चुनाव के किसी दावेदार ने वोटर लिस्ट मांगी नहीं है हमसे।
ताराराम माली
चुनाव प्रभारी, शिवगंज ग्रामीण मंडल।
मैं भी रेवदर मंडल से ब्लाॅक अध्यक्ष चुनाव लड रहा हूं। अभी तक तो मतदाता सूचि हमें नहीं दी गई है; यदि पदाधिकारी कह रहे हैं कि मतदाता सूचि उनसे ली जा सकती है तो अब मांगूंगा मै।
दीपाराम चैधरी
निवर्तमान अध्यक्ष, रेवदर भाजपा मंडल।