Home India City News मोदी और राजनाथ के गढ़ में बीजेपी सबसे बुरी हार

मोदी और राजनाथ के गढ़ में बीजेपी सबसे बुरी हार

0
modi and rajnath singh
shocking defeat of bjp in cantonment board polls, loses all seats in varanasi, lucknow

लखनऊ। यूपी में “मिशन 2017” को लक्ष्य मानकर अभी से तन, मन और धन के साथ जुटी केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को छावनी परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है।

प्रदेश में 11 जगहों पर हुए छावनी परिषद के चुनाव में सबसे अधिक निराशा पार्टी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ में हाथ लगी। भाजपा का तर्क है कि कई जगहों पर चुनाव चिह्न नहीं मिल पाने के कारण पार्टी की फजीहत हुई है।

उत्तर प्रदेश में लखनऊ , वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी, बबीना, कानपुर, बरेली, फैजाबाद, आगरा, शाहजहांपुर और मथुरा में छावनी परिषद के चुनाव संपन्न हुए थे। इन जगहों में से भाजपा को सबसे बुरी हार का सामना लखनऊ व वाराणसी करना पड़ा। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बताया कि पार्टी को मथुरा, फैजाबाद, बरेली, आगरा, इलाहाबाद और झांसी में चुनाव चिह्न मिला था, बाकी जगहों पर नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि पार्टी को इस चुनाव में कुल 23 सीटों पर जीत मिली है, जबकि 24 जगहों पर पार्टी के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे हैं। पाठक ने कहा कि भाजपा ही इकलौती ऎसी पार्टी थी जो छावनी परिषद के चुनाव में उतरी थी। कई जगहों पर सिम्बल न मिल पाने की वजह से उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी। जिन जगहों पर पार्टी को सिम्बल मिला वहां पार्टी ने अच्छी जीत हासिल की है।

पाठक ने हालांकि स्वीकार किया कि छावनी परिषद के चुनाव से पार्टी को सबक भी मिला है। चुनाव में उतरने से परिषद की समस्याओं को जानने का मौका मिला और आगे आने वाले समय में उन कमियों पर ध्यान दिया जाएगा। छावनी परिषद चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक सफलता कानपुर, झांसी और शाहजहांपुर में मिली है। इन सभी जगहों पर सात में से चार-चार उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे हैं।

आगरा और मथुरा छावनी परिषद चुनाव में भी भाजपा को करारा झटका लगा है। भाजपा आगरा छावनी परिषद की आठ में से सिर्फ एक सीट पर और मथुरा की सात में से सिर्फ दो सीट पर ही जीत दर्ज करा पाई। दोनों स्थानों के लिए रविवार को मतदान कराए गए थे। आगरा छावनी परिषद चुनाव के नतीजे रविवार रात और मथुरा के सोमवार सुबह घोषित किए गए।

आगरा का चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था, क्योंकि भाजपा पहली बार यहां से चुनाव लड़ रही थी और पिछले चुनावों में उसने निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया था। भाजपा सांसद और केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था।

आगरा में निर्दलीयों ने सात सीटों पर जीत दर्ज की। निर्दलीय उम्मीदवार पंकज महेंद्रू लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे। एकमात्र महिला उम्मीदवार सीमा राजपूत को जीत हासिल हुई, वह भी निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

पार्टी को सबसे बड़ी अप्रत्याशित हार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्रों में लगी है। मोदी के क्षेत्र वाराणसी तथा राजनाथ सिंह के क्षेत्र लखनऊ में भाजपा ने क्रमश: आठ और सात सीटों पर चुनाव लड़ा, इसे एक भी सीट नहीं मिली। इन सभी सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। लखनऊ में छावनी परिषद की आठ सीटों पर निर्दलीय विजयी रहे, जबकि बरेली में हालांकि सात में से चार सीटों पर निर्दलीय तथा तीन पर भाजपा ने जीत दर्ज की।

बनारस में कड़ाके की ठंड के बीच 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। इस चुनाव को भाजपा ने गंभीरता से लिया था। चुनाव प्रचार के लिए प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी खुद छावनी क्षेत्र में घूमे थे। वहीं बनारस के महापौर रामगोपाल मोहले समेत सभी विधायक और वरिष्ठ पदाधिकारी चुनाव प्रचार में दिन-रात जुटे थे।

काशी छावनी परिषद के चुनाव में तो भाजपा समर्थित प्रत्याशी दूसरे नंबर के लिए भी तरस गए। सिर्फ दो प्रत्याशी ही दूसरे नंबर पर रहे। निर्दलीय शैलेंद्र सिंह ने वार्ड नंबर दो में भारी मतों से जीत दर्ज करते हुए एक बार फिर से वापसी की, वहीं वार्ड नंबर छह से खड़े निवर्तमान शाहनवाज अली और वार्ड नंबर सात के शैलजा श्रीवास्तव पर मतदाताओं ने एक बार फिर से भरोसा किया है।

वार्ड नंबर चार में मसूदा हुसैन 245 और दूसरे स्थान पर रही सीमा को 133 मत मिले। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्ड नंबर पांच में चंद्र केशव ने सर्वाधिक 249 मत हासिल किए, वहीं विश्वनाथ भारती को 180 मत प्राप्त हुए।

वार्ड नंबर छह में उम्मीदवार शाहनवाज अली को 524 और दूसरे स्थान पर मोहनीस खान को 494 मत मिला। वार्ड नंबर सात में भी निवर्तमान प्रत्याशी शैलजा श्रीवास्तव ने 467 मत पाकर जीत दर्ज की। दूसरे स्थान पर रवि कुमार गुप्ता को 179 मत प्राप्त हुए।