Home Chandigarh सिख अलग पहचान के साथ मान्यता प्राप्त धर्म : संघ

सिख अलग पहचान के साथ मान्यता प्राप्त धर्म : संघ

0
सिख अलग पहचान के साथ मान्यता प्राप्त धर्म : संघ

नई दिल्ली/जालन्धर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सिख संगत सिखों के स्वतंत्र रूप को नहीं मानने के आरोपों पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि संघ सिख धर्म को मानता है, संघ हमेशा से ही सिख धर्म की अलग पहचान को मान्यता देता आया है। सिख भी जैन और बौद्ध की भांति ही एक सामाजिक-धार्मिक मान्यता प्राप्त धर्म है और सिखों की एक अलग पहचान है।

यह बात सोमवार को संघ के पंजाब प्रांत के संघचालक बृजभूषण सिंह बेदी ने कही। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रचार विभाग पंजाब द्वारा बृजभूषण सिंह बेदी के हवाले से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस विषय पर संघ का दृष्टिकोण तभी स्पष्ट हो गया था जब 2001 में केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन वाईस चेयरमैन त्रिलोचन सिंह और संघ के माधव गोविंद वैद्य के बीच बैठक हुई थी।

संघ के तत्कालीन अखिल भारतीय प्रवक्ता माधव गोविन्द वैद्य ने स. तरलोचन सिंह को लिखित रूप में देकर यह तथ्य पुष्ट किया था कि सिख भी जैन और बौद्ध की भांति भारतीय मान्यता प्राप्त धर्म है।

बेदी ने कहा कि यह विषय सर्वविदित होने के बावजूद भ्रामक बयानबाजी के जरिए इस विषय को लेकर संघ के विरुद्ध इन दिनों प्रचार किया जा रहा है। इसीलिए यह प्रचारित करना कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं राष्ट्रीय सिख संगत सिखों के स्वतंत्र रूप को नहीं मानती, तथ्यों के विरुद्ध और भ्रामक है।

उन्होंने कहा कि वह सिख समाज के समक्ष इस विषय को पुन: स्पष्ट कर रहे हैं कि सिख एक अलग पहचान के साथ अन्य धर्मों की तरह भारतीय मान्यता प्राप्त धर्म है और संघ की श्री गुरू ग्रंथ साहिब और गुरूबाणी के प्रति पूर्ण निष्ठा और आस्था है।

संघ गुरूबाणी के विश्वव्यापी प्रचार एवं प्रसार में सदैव सहयोगी रहा है। इसीलिए संघ अपने सभी कार्यक्रमों और शाखाओं में भी गुरुओं के प्रकाशोत्सव और सिख धर्म से सम्बन्धित अन्य सभी पर्व एवं त्यौहार श्रद्धा के साथ मनाता है। गुरुओं का बलिदान व सिखों ने जो देश, धर्म, व मानवता के लिए किया है उसके लिए देश व राष्ट्र ऋणी रहेगा। संघ हमेशा उनके आगे नतमस्तक है व रहेगा।