Home Breaking केरल सरकार को झटका, सेनकुमार मामले में 25,000 रुपए जुर्माना

केरल सरकार को झटका, सेनकुमार मामले में 25,000 रुपए जुर्माना

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केरल सरकार को झटका, सेनकुमार मामले में 25,000 रुपए जुर्माना
Supreme Court fines Kerala government Rs 25,000 in Senkumar case
Supreme Court fines Kerala government Rs 25,000 in Senkumar case
Supreme Court fines Kerala government Rs 25,000 in Senkumar case

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। केरल में टीपी सेनकुमार को पुलिस महानिदेशक के पद पर बहाल करने के अपने आदेश पर अमल नहीं किए जाने से नाराज सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को शुक्रवार को कड़ी फटकार लगाई।

इतना ही नहीं बल्कि अदालत का समय जाया करने के लिए 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया। सर्वोच्च न्यायालय ने 24 अप्रेल को दिए आदेश में सेनकुमार को राज्य के डीजीपी पद पर बहाल करने का आदेश दिया था।

लेकिन, केरल सरकार ने इस पर अब तक अमल नहीं किया है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने विधानसभा में कहा था कि सेनकुमार को पद पर बहाल किया जाएगा, लेकिन मामले को लटकाने की रणनीति के तहत इस मामले में शीर्ष अदालत में स्पष्टीकरण याचिका दायर कर दी।

इस पर न्यायालय की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई और उसने जुर्माना लगा दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उसे मालूम है कि उसके आदेश का अनुपालन नहीं होने पर क्या किया जाना चाहिए। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस मामले में उसके निर्णय को लेकर स्पष्टता का कोई मुद्दा ही नहीं है।

विजयन ने 25 मई, 2016 को मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करते ही सेनकुमार को हटा दिया था।न्यायाधीश मदन बी. लोकुर तथा न्यायाधीश दीपक गुप्ता की पीठ ने राज्य सरकार के फैसले को अनुचित व मनमाना करार देते हुए उन्हें पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। वह 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

सेनकुमार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी डीजीपी पद पर खुद को बहाल नहीं किए जाने को लेकर अवमानना याचिका दायर करते हुए मुख्य सचिव नलिनी नेट्टो पर जान बूझकर इसमें देरी किए जाने का आरोप लगाया।

न्यायालय की पीठ ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस देने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई नौ मई तय की गई है।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि विजयन सरकार के लिए अब सभी रास्ते बंद हो गए हैं और अवमानना याचिका पर शीर्ष अदालत की और अधिक फटकार से बचने के लिए जरूरी है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द सेनकुमार को डीजीपी पद पर बहाल करे।

उधर, केरल में विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा ने सदन में इस मामले को उठाते हुए सेनकुमार को तुरंत पद पर बहाल करने की मांग की।

विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथाला ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि यह सबकुछ विजयन के झूठे अहंकार की वजह से हो रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि उनमें थोड़ा भी आत्मसम्मान बचा है तो उन्हें तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और लोगों से माफी मांगनी चाहिए। सिर्फ राज्य सरकार को ही सर्वोच्च न्यायालय का आदेश समझ नहीं आया, जिसमें अधिकारी की बहाली के लिए कहा गया है।

वहीं, मामले में राज्य सरकार का बचाव करते हुए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक राजू अब्राहम ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सेनकुमार को पद पर बहाल किया जाएगा। इसने सिर्फ स्पष्टता के लिए एक याचिका दायर की है।