Home India City News 45 मिनट की बहस, मिली जयललिता को बेल

45 मिनट की बहस, मिली जयललिता को बेल

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supreme court grants bail to jayalalithaa
supreme court grants bail to jayalalithaa

नई दिल्ली। ..और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन ने सुप्रीमकोर्ट को आश्वस्त किया कि उनकी मुवक्किल हाईकोर्ट में अपील दायर करने में अपनी ओर से विलम्ब नहीं करेंगी।…

नरीमन ने यह आश्वासन उस वक्त दिया जब आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने कहा कि यदि हम सजा निलंबित कर देते हैं तो अपील की सुनवाई पूरी कराने में आप दो दशक लेंगे। कर्नाटक हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद सुप्रीमकोर्ट पहुंची जयललिता को हालांकि शुक्रवार को राहत मिल गई। शीर्ष अदालत ने कुछ शर्तो के साथ उनकी सजा निलंबित करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

हाईकोर्ट में जानेमाने कानूनविद राम जेठमलानी के असफल रहने के बाद जयललिता ने शीर्ष अदालत में जिरह के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन की सेवा ली और उन्होंने अम्मा को निराश नहीं होने दिया। न्याय के सर्वोच्च मंदिर में इस हाईप्रोफाइल मामले की सुनवाई को लेकर अदालत की कार्यवाही शुरू होने के समय से ही अफरातफरी का माहौल रहा। साढे दस बजे एक नम्बर कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में तीन सदस्यीय खंडपीठ के बैठने से पहले ही अदालत कक्ष खचाखच भर चुका था।

आमतौर पर जिस दीर्घा में बैठकर गैर मान्यता प्राप्त पत्रकार अदालत की कार्यवाही देखते हैं, उस पर सुबह से ही वकीलों और अन्य दर्शकों का क ब्जा हो चुका था। न्यायालय में 11 बजकर 40 मिनट तक अन्य मुकदमों की सुनवाई हुई उसके बाद जयललिता की याचिका पर विचार शुरू हुआ। इस मामले में करीब 45 मिनट तक हुई बहस इस प्रकार है…

नरीमन …मी लॉर्ड, कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस (जयललिता)मामले में 2012 के मुकदमे का जिक्र करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार मानवाधिकारों का उल्लंघन है, लेकिन महज सजा निलंबन जैसे सीमित पहलू के लिए इस केस लॉ का इस्तेमाल गलत है।

जज .. हाईकोर्ट के जज का केवल इतना कहना है कि ये सफेदपोश व्यक्तियों द्वारा किए गए अपराध हैं।
नरीमन ..सुप्रीम कोर्ट के अनेक फैसलों में यह साबित हुआ है कि जब आपराधिक अपील लंबित हो तो सजा का निलंबन आरोपी को दिया गया महत्वूपर्ण अधिकार है। यह मानक भी है।

नरीमन..विशेष अदालत ने मेरी मुवक्किल को दोषी ठहराते वक्त उनके आय से संबंधित साक्ष्यों और इसके आकलन से संबंधित दस्तावेजों की पूरी तरह अनदेखी की है।

जज.. लेकिन आपने (याचिकाकर्ता ने) सुनवाई पूरी कराने में कितने साल लिए।

नरीमन…कई साल मीलॉर्ड।

जज…यदि हम अब सजा को निलंबित कर देते हैं तो आप अपील के फैसले में दो दशक लगवा देंगे।

नरीमन …मीलॉर्ड, मैं अपनी मुवक्किल की ओर से यह हलफनामा दायर करने को तैयार हूं कि हाईकोर्ट में अपील दो महीने में पूरी हो जाएगी। जयललिता की ओर से कोई विलम्ब नहीं होगा।

जज…क्या हमें विशेष अदालत में, हाईकोर्ट और यहां तक कि सुप्रीमकोर्ट में भी आरोपी द्वारा किए गए व्यवहार पर विचार नहीं करना चाहिए। यह मामला वर्षो चलता रहा है।

नरीमन …यह एक ऎसा मामला है, जिसमें पूरे देश का कुछ अपनाही मंतव्य है।

जज.. हमें उन मंतव्यों से कोई लेना देना नहीं है। यह हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता।

नरीमन …मैं अपनी टिप्पणी वापस लेता हूं मीलॉर्ड। नरीमन…उनकी मुवक्किल को अपील सुने जाने तक दो माह तक के लिए उनके घर में नजरबंद रखा जा सकता है।

जज…हम ऎसा कोई अव्यावहारिक आदेश नहीं सुनाते हैं, भलेही हम जमानत दें या न दें।. जज (थोड़ी देर आपस में बातचीत करने के बाद).. कि तने दिनों के भीतर आप (जयललिता) कर्नाटक हाईकोर्ट में दस्तावेज पेश कर सकते हैं और अपील के लिए तैयार हो सकते हैं।
नरीमन ..मीलॉर्ड छह सप्ताह में। अपील की सुनवाई फरवरी 2015 तक पूरी की जा सकती है। (जयललिता के अलावा अन्य आरोपियों की ओर से जिरह कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता के टी तुलसी ने भी इस पर सहमति जताई)

जज…मिस्टर स्वामी (सुब्रह्मण्यम स्वामी) आपको इस मामले में क्या कहना है।

स्वामी…तमिलनाडु में हिंसा चरम पर है। हाईकोर्ट जज के खिलाफ कार्टून प्रचारित प्रसारित किए जा रहे हैं। यह जमानत मंजूर न करने का बहुत ही बेहतर स्थिति है। वह (जयललिता) हिंसा पर रोक लगा सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऎसा नहीं किया। उनका पूरा मंत्रिमंडल कर्नाटक में बैठा है। उनका मंत्रिमंडल बगैर आंसू बहाए शपथ नहीं ले रहा है।

जज ..मिस्टर नरीमन, इस पर आप क्या कहेंगे।

नरीमन…मैंने पहले ही उन्हें यह सब कह दिया है। उनके(जयललिता) द्वारा एक दिशानिर्देश जारी किए जाने हैं। उन्हें राजनीतिक नैतिकता बरकरार रखनी होगी।

जज …एक स्थिति ऎसी भी होती है कि दोष सिद्ध व्यक्ति दूसरे देश भागने का प्रयास करता है। उनके (जयललिता के) कार्यकर्ता बेलगाम हैं। वह क्या कर सकती हैं। क्या कोई साक्ष्य है जो यह साबित करता हो कि जयललिता ने हिंसा फैलाने का आदेश दिया।

जज … मिस्टर नरीमन से आप पेपरबुक तैयार करें और इसे दो माह में तैयार रखें। उसके बाद हम हाईकोर्ट को कहेंगे कि वह तीन माह में अपील की सुनवाई करे। लेकिन मिस्टर नरीमन याद रखिए, यदि आपने दो महीने में पेपरबुक तैयार नहीं किया तो आपको एक अतिरिक्त दिन भी नहीं मिलेगा। (इसके बाद न्यायालय ने चारों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया)

 

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