Home World दमिश्क के आसपास विद्रोहियों के ठिकानों पर बम वर्षा

दमिश्क के आसपास विद्रोहियों के ठिकानों पर बम वर्षा

0
दमिश्क के आसपास विद्रोहियों के ठिकानों पर बम वर्षा
syrian army target rebels positions in Damascus
syrian army target rebels positions in Damascus
syrian army target rebels positions in Damascus

दमिश्क। जिनेवा में शांति वार्ता फिर से शुरू होने के कुछ दिनों पहले सीरियाई सरकार की सेना ने दमिश्क के आसपास विद्रोहियों के ठिकानों पर भारो गोलाबारी और बमों से हमला कर खूनी संदेश दे रही है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से सोमवार को मिली।

उल्लेखनीय है कि देश में गत छह साल से चल रहे भयानक युद्ध को समाप्त करने के लिए एक और प्रयास के तहत राष्ट्रपति बशर अल असद और विपक्ष के प्रतिनिधि शांति वार्ता हेतु गुरुवार को स्विट्जरलैंड की राजधानी जिनेवा के लिए प्रस्थान करेंगे। लेकिन सीरियाई सरकार की सेना ने राजधानी दमिश्क के आसपास सोमवार को बम बरसाना तेज कर दिया।

मानवाधिकार की निगरानी करने वाले ऑवजर्वेटरी के अनुसार, सरकारी सेना के हमले में बारजेब में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य लोग घायल हुए हैं। दमिश्क का यह उत्तरी जिला विद्रोहियों का गढ़ माना जाता है।

ब्रिटेन स्थित निगरानीकर्ता ने कहा कि काबुन के पड़ोस में उत्तरपूर्व विपक्षी नियंत्रित इलाकों में रविवार की रात से लेकर सोमवार सुबह तक रॉकेट दागे गए। काबुन में साल 2014 में सरकार और विद्रोहियों के बीच स्थानीय संघर्ष विराम समझौता हुआ था, लेकिन पड़ोसी इलाकों में गत सप्ताह फिर से हिंसा शुरू हो गई।

काबुन में शनिवार को एक अंत्येष्टि के दौरान हुए रॉकेट हमलों में कम से कम 16 लोग मारे गए थे। एक मीडिया कर्मी हमजा अब्बास ने समाचार एजेंसी एफपी से कहा कि हमला तीन दिनों से जारी है। सरकारी सेना हवाई हमले के साथ-साथ रॉकेट, मोर्टार और तोपखानों का भी इस्तेमाल कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकारी सेना काबुन, बारजेब और तिसरीन को बमों से निशाना बना रही है। समाचार एजेंसी एएफपी ने जब सेना के एक सूत्र से संपर्क किया तो उन्होंने इस संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

विद्रोहियों ने फिर से बम बरसाने के लिए रविवार को असद सरकार की तीखी निंदा की और इसे खूनी संदेश बताया जिसका मकसद शांति वार्ता को पटरी से उतारना है।

उल्लेखनीय है कि सीरिया में साल 2011 में असद सरकार के खिलाफ संघर्ष हुआ था तब से अब तक 310,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं।