भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती पर मोदी गुर्जरों को इस तरह रिझाया

भीलवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान देवनारायण का अवतरण कमल पर होना और जी-20 के लोगो जिसमें कमल के ऊपर पूरी पृथ्वी को बिठाया है को बड़ा संयोग बताते हुए कहा है कि हम तो वो लोग हैं, जिसकी पैदाइशी कमल के साथ हुई हैं, इसलिए हमारा आपका नाता कुछ गहरा है।

मोदी राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में आसींद के मालासेरी डूंगरी में भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह भी देखिए कैसा संयोग है। भगवान देवनारायण जी का 1111वां अवतरण वर्ष उसी समय भारत की जी-20 की अध्यक्षता और उसमें भी भगवान देवनारायण का अवतरण कमल पर हुआ था और जी-20 का जो लोगो है, उसमें भी कमल के ऊपर पूरी पृथ्वी को बिठाया है। ये भी बड़ा संयोग है और हम तो वो लोग हैं, जिसकी पैदाइशी कमल के साथ हुई है। इसलिए हमारा आपका नाता कुछ गहरा है।

उन्होंने कहा कि लेकिन मैं पूज्य संतों को प्रणाम करता हूं। इतनी बड़ी तादाद में यहां आशीर्वाद देने आए हैं। मैं समाज का भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि एक भक्त के रूप में मुझे आज यहां बुलाया, भक्तिभाव से बुलाया। यह सरकारी कार्यक्रम नहीं है। पूरी तरह समाज की शक्ति, समाज की भक्ति उसी ने मुझे प्रेरित किया और मैं आपके बीच पहुंच गया। मेरी आप सब को अनेक-अनेक शुभकामनाएं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देवनारायण भगवान से देश सेवा और गरीबों के कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। उन्होंने देवनारायण जयंती की चर्चा करते हुए कहा कि यहां सप्ताह भर से भव्यता के साथ कार्यक्रम चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक और वैचारिक रूप से तोडऩे के बहुत प्रयास हुए लेकिन कोई भी ताकत इसमें सफल नहीं हो पाई।

हमारी सभ्यता, संस्कृति, सदभावना एवं सम्भावना अभिव्यक्ति है। इसलिए आज भारत एक वैभवशाली भविष्य की नींव रख रहा है। भारत, अटल, अजर और अमर है। इसके पीछे हमारे समाज की शक्ति है। देश के हर व्यक्ति की शक्ति है। उन्होंन कहा कि समाज शक्ति की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है।

मोदी ने कहा कि समाज के भीतर से ही ऊर्जा निकलती है, जिसका प्रकाश सभी को दिशा दिखाता है और सबका कल्याण करता है। भगवान देवनारायण ऐसे ऊर्जापुंज थे, अवतार थे जिन्होंने संस्कृति की रक्षा की और 31 वर्ष की आयु बिताकर जनमानस में अमर हो जाना बहुत महत्त्वपूर्ण बात है।

मोदी ने कहा कि देवनारायण भगवान ने समाज में फैली बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया। समाज को एकजुट करने की दिशा में काम किया और समाज के विभिन्न वर्गों के साथ आदर व्यवस्था कामय करने की दिशा में काम किया, इसलिये उनके प्रति हर वर्ग में आस्था है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान देवनारायण ने हमेशा सेवा और जनकल्याण को सर्वोच्य प्राथमिकता दी है। उन्होंने सुख सुविधा छोड़कर सेवा और कल्याण का कठिन मार्ग चुना। अपनी ऊर्जा का उपयोग प्राणी मात्र के लिए किया। भला जी भला देव भला। उन्होंने कहा कि देवनारायण ने जो रास्ता दिखाया, वो सबका साथ सबका भला, देश इसी रास्ते पर चल रहा है।

उन्होंने कहा कि वंचितों को वरियता को लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज गरीब को मुफ्त राशन मिल रहा है। चिकित्सा के लिए आयुष्मान योजना में मुफ्त इलाज मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले बैंकों तक सभी की पहुंच नहीं थी लेकिन आज बैंकों के दरवाजे सभी के लिए खुल गए।

मोदी ने कहा कि पहले देश में तीन करोड़ परिवारों को ही नल से जल की सुविधा थी और सौलह करोड़ परिवारों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन पिछले साढे तीन साल में प्रयास किए गए और 11 करोड़ से ज्यादा परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचने लगा है। किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए व्यापक काम देश में हो रहा है।

सिंचाई की पारंपरिक व्यवस्था, विकास एवं नई तकनीक से सिंचाई के हरसंभव मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग सरकारी मदद के लिए तरसते थे, उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मदद मिल रही है और राजस्थान में इसके तहत 15 हजार करोड़ से अधिक रुपए सीधे किसानों के खाते में भेजे गए हैं।

उन्होंने कहा कि देश में पशुओं की बीमारियां थी। खुर पका और मुहं पका से मुक्त कराने के लिए बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया गया। पशुओं के लिए कामधेनु आयोग बनाया गया। उन्होंने राजस्थान को एक प्रेरणा स्थली का साक्षी बताते हुए कहा कि गोगाजी से रामदेव, बप्पा रावल से महाराणा प्रताप, यहां के महापुरुषों और जननायकों ने देश को रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में गुर्जर समाज ने राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा में अहम भूमिका निभाई और भूपसिंह गुर्जर जो विजयसिंह पथिक के नाम से जाने जाते हैं, उनके नेतृत्व में बिजौलियां का किसान आंदोलन किया गया।

कोतवाल धन सिंह और जोगरास सिंह ने देश के लिए बलिदान दे दिया। उन्होंने रामप्यारी और पन्नाधाय की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज की बहन-बेटियों ने संस्कृति की सेवा में बड़ा योगदान दिया है।

इससे पहले मोदी ने अपना संबोधन शुरु करते हुए देवनारायण भगवान और साढू माता का जयकारा लगाकर मालासेरी डूंगरी को प्रणाम किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवनायण भगवान के बुलावे पर मैं, यहां हाजिर हुआ हूं। यहां कोई प्रधानमंत्री नहीं आया है। मैं, पूरे भक्तिभाव से आप ही की तरह एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूं। यहां मुझे यज्ञ शाला में पूर्णाहूति देने का भी सौभाग्य मिला। मेरे लिये यह भी सौभाग्य की बात है कि मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को भगवान देवनारायण और आप सभी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। भगवान और जनता जनार्दन के दर्शन कर मैं, धन्य हो गया।

देवनारायण कोरिडोर संबंधी कोई घोषणा नहीं होने से देवभक्तों में निराशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मालासेरी दौरे के दौरान संभावित देवनारायण कोरिडोर की घोषणा नहीं होने से देवभक्तों को निराशा हाथ लगी है।

मोदी भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती पर देवभक्त बनकर मालासेरी डूंगरी पहुंचे और गुर्जरों से अपना गहरा नाता भी बताया लेकिन उन्होंने देवनारायण कोरिडोर संबंधी किसी प्रकार की कोई घोषणा नहीं की।

पिछले कई दिनों से प्रधानमंत्री के मालासेरी आगमन को लेकर यह बात सामने आ रही थी कि वाराणसी, उज्जैन की तर्ज पर मालासेरी डूंगरी का भी विकास होगा और देवनारायण सर्किट की घोषणा होगी। देवभक्तों में इस बात को लेकर उत्साह था कि प्रधानमंत्री के मालासेरी दौरे से पहले यह चर्चा थी कि प्रधानमंत्री मालासेरी आएंगे तो देवनारायण कोरिडोर की घोषणा हो सकती है।

यह भी चर्चा हो रही थी कि सर्वे कराया गया है और मालासेरी डूंगरी, सवाईभोज, बंक्यारानी के साथ ही दस किलोमीटर के दायरे में आ रहे धर्मस्थलों का विकास होगा। यहां लोगों की आवाजाही बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में खुद को एक देवभक्त के रूप में यहां आना बताया और उन्होंने गुर्जरों के योगदान की चर्चा भी की।