नई दिल्ली। राज्य सभा को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की मंगलवार को औपचारिक सूचना दी गई।
पीठासीन उप सभापति घनश्याम तिवाड़ी ने पूर्वाह्न में स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन में प्रश्न-काल की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे और शोर शराबे के बीच उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 22 जुलाई 2025 को जारी अधिसूचना की जानकारी दी।
उन्होंने अधिसूचना का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अंतर्गत उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे की सूचना दी। इस अनुच्छेद के अनुसार उप-राष्ट्रपति राष्ट्रपति को संबोधित अपने हाथ से लिखे पत्र के द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे सकता है। यह इस्तीफा तुरंत स्वीकार माना जाएगा। उपराष्ट्रपति पदेन राज्य सभा के सभापति भी होते हैं।
धनखड़ ने सोमवार रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपना त्यागपत्र भेजा था। उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए देेश में दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद को छोड़ने का फैसला किया है।
मोदी ने धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की
जगदीप धनखड़ के एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना की है। मोदी ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि श्री धनखड़ को उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है।
प्रधानमंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा कि जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। उल्लेखनीय है कि धनखड़ ने सोमवार देर शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखे त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
अप्रत्याशित घटनाक्रम में जगदीप धनखड़ ने उप राष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा