काठमांडू। नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्र को आश्वस्त करते हुए कहा है कि वह संविधान के दायरे रह कर देश के वर्तमान राजनीतिक संकट को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं और लोगों को शांति व्यवस्था में सहयोग करना चाहिए।
पौडेल ने गुरुवार दोपहर जारी एक बयान में कहा कि मैं सभी पक्षों से अपील करता हूं कि वे आश्वस्त रहें कि प्रदर्शनकारियों की मांगों का शीघ्र समाधान करने के प्रयास चल रहे हैं और अनुशासित तरीके से शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। काठमांडू पोस्ट ने एक्स हैंडल के हवाले से यह जानकारी दी है।
नेपाल राष्ट्र प्रमुख ने जनता की चिंताओं का समाधान करते हुए लोकतंत्र की रक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों पर ज़ोर दिया। उन्होंने जेनरेशन ज़ेड प्रदर्शनकारियों की मांगों पर डाला और कहा कि वह जल्द से जल्द उनका जवाब देने का प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब नागरिक मौजूदा संकट के समय पर समाधान की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया और विवादों को सुलझाने में संवैधानिक प्रक्रियाओं के महत्व पर बल दिया।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति देश के विभिन्न हिस्सों में व्याप्त अशांति के व्यावहारिक समाधान की तलाश करते हुए लोकतांत्रिक मानदंडों को बनाए रखने के उद्देश्य से परामर्श और संवाद जारी रखे हुए हैं। उधर, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत ने एक बयान जारी करके कहा कि हम परिस्थिति और परिस्थितियों की परवाह किए बिना न्याय के मार्ग पर अडिग और अटल बने रहने तथा आम नागरिकों की न्याय की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए यथाशीघ्र न्यायालयों को क्रियान्वित करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं।
जस्टिस राउत ने कहा कि हम उन न्यायाधीशों, कर्मचारियों, विधिवेत्ताओं, विधि छात्रों, सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं जो न्यायालय की फाइलों, दस्तावेजों और भौतिक संसाधनों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जो जनता की संपत्ति हैं और जिन्हें आगजनी और विनाश से बचाया गया है। उनके बयान में कहा गया है कि नेपाल के न्यायिक इतिहास के महत्वपूर्ण दस्तावेज़ लगभग नष्ट हो चुके हैं।
इसके अलावा नेपाल में सत्ता की बागडोर संभालने के लिए चल रही उठा पटक के बीच हामी नेपाल संगठन के प्रमुख सुदन गुरुंग ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अपना समर्थन देने की घोषणा की। कांतिपुर समाचार पत्र ने बताया है कि गुरुंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वह जस्टिस कार्की के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं और इस पर कई लोगों की सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि संसद भंग करना भी उनकी मुख्य मांग है और उसके बाद ही दूसरे कार्य आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि जेन-जी पीढ़ी अपने अनुकूल मंत्रिमंडल का गठन करेगी और उसकी निगरानी करेगी। उन्होंने कहा कि वे मंत्रिमंडल के गठन और उसकी अन्य प्रक्रियाओं पर चर्चा कर रहे हैं। इससे पहले, हामी नेपाल समूह के प्रतिनिधियों ने नेपाली सेना के सेनाध्यक्ष के साथ चर्चा में भी भाग लिया।
विदित हो कि नेपाल के मौजूदा आंदोलन में गुरंग (36) के संगठन ‘हामी नेपाल’ का नाम प्रमुखता से सामने आया है। इस संगठन ने खुद को गैर-लाभकारी और समाजसेवी संस्था बताया है, लेकिन हाल की घटनाओं ने इसे एक राजनीतिक आंदोलनकारी शक्ति की शक्ल दी है। ‘हामी नेपाल’ की स्थापना 2015 में हुई थी। इस संगठन ने नेपाल में आए भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में काम किया। बाद में इसके स्वर तीखे होते चले गए और वह लोगों की समस्याओं को सामने रखने लगा।
उधर प्रशासन ने सख्ती करते हुए सभी सुरक्षाकर्मियों को ड्यूटी पर वापस बुला लिया है। नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल ने छुट्टी पर गए सभी सुरक्षाकर्मियों के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं। जेन-जेड के प्रदर्शन और उसके कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण यह कदम उठाया गया।
नेपाल का आव्रजन विभाग उन विदेशी पर्यटकों के वीज़ा का निःशुल्क नवीनीकरण करेगा जिनके परमिट आठ सितंबर के बाद समाप्त हो गए हैं। नेपाल पर्यटन बोर्ड ने कहा कि यह कदम उन पर्यटकों के लिए है जो वीज़ा की अवधि समाप्त होने के कारण यात्रा में व्यवधान का सामना कर रहे हैं। विदेशी पर्यटक देश छोड़ते समय त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आव्रजन डेस्क पर सीधे निःशुल्क अपने वीज़ा का नवीनीकरण करा सकेंगे।