नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि गांधी विदेश यात्रा पर जाते हैं लेकिन इसकी सूचना नहीं दी जाती है जो सरासर सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस संबंध में सीआरपीएफ की तरफ से पत्र लिखकर कहा गया है कि गांधी सुरक्षा प्रोटोकॉल को नहीं मान रहे हैं और बिना सूचना दिये विदेश यात्रा कर रहे हैं। सुरक्षा बल ने इसे सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताते हुए स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इससे परेशान होकर यह पत्र लिखना पड़ रहा है।
सीआरपीएफ के वीवीआईपी सुरक्षा प्रमुख सुनील जून ने खरगे को बुधवार को लिखे पत्र में लिखा है कि गांधी अपनी सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।गांधी की इस साल की विदेश यात्राओं का विस्तारपूर्वक जिक्र करते हुए जून ने कहा है कि पिछले नौ माह में गांधी छह बार विदेश यात्रा कर चुके हैं।
पत्र में बताया गया है कि गांधी 30 दिसंबर 2024 से नौ जनवरी 2025 तक इटली की यात्रा पर गए थे। फिर 12 से 17 मार्च तक वियतनाम, 17 से 23 अप्रैल तक दुबई, 11 से 18 जून तक कतर, 25 जून से छह जुलाई तक लंदन और हाल ही में चार दिन के लिए मलेशिया की यात्रा पर गए थे।
सीआरपीएफ द्वारा पत्र को सार्वजनिक करने और इसकी टाइमिंग को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे गांधी को डराने की कोशिश करार दिया है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने गुरुवार को पत्र का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सीआरपीएफ के पत्र भेजने का समय और उसे तुरंत सार्वजनिक करने की मंशा परेशान करने वाली है। उनका कहना है कि गांधी के सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर लिखे पत्र और उसे सार्वजनिक करने का समय सवाल खड़े करता है।
उन्होंने कहा कि यह पत्र ऐसे समय में आया है जब गांधी चुनाव आयोग की मिलीभगत से भाजपा द्वारा की जा रही ‘वोट चोरी’ के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। क्या यह विपक्ष के नेता को डराने की एक छिपी हुई कोशिश है, जिन्होंने पहले ही एक और खुलासे की घोषणा कर दी है। क्या सरकार उनके द्वारा उजागर किये जाने वाले सच से घबरा गयी है। गौरतलब है कि गांधी को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है जो गंभीर खतरे की आशंका वाले व्यक्तियों को प्रदान की जाती है।