हवा की गति नापने के लिए लगाए एनिमोमीटर से रेल संचालन संरक्षित

अजमेर। रेलवे प्रशासन द्वारा तेज हवा वाले रेल खंडों एवं बड़े रेल पुलों पर डबल स्टैक कंटेनर के सुरक्षित संचालन के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के 33 रेलवे स्टेशनों पर हवा की गति नापने के लिए एनीमोमीटर (वायु वेग मापी) लगाए गए हैं।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार वर्तमान में राजस्थान राज्य के अधिकांश भागों में तेज हवाएं चल रही है और मौसम विभाग द्वारा लगातार तेज हवाएं और बारिश के अलर्ट जारी किए जा रहे हैं। इन परिस्थितियों में डबल स्टैक कंटेनर संचालन वाले रेलखंडों में तेज गति की हवा से डबल स्टैक (डेकर) कंटेनर के असंतुलित होने से संरक्षा के प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है।

ऐसे रेलखंडों में रेलवे द्वारा मौसम विभाग के साथ समन्वय से हवा की गति मापने के लिए एनीमोमीटर लगाए गए हैं। एनिमोमीटर के उपयोग से हवा की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर अलार्म बजता है और मोबाइल पर अलर्ट मैसज भी आता है, जिससे स्टेशन मास्टर को पता चल जाता है और इस समय डबल स्टैक कंटेनर ट्रेनों का संचालन कुछ समय के लिये रोक दिया जाता है ताकि किसी भी अनहोनी दुर्घटना से बचा जा सके। स्टेशनों पर एनिमोमीटर लगने से रेल संचालन संरक्षित हुआ है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के डबल स्टैक कंटेनर संचालन वाले रेलखंडों यथा रेवाड़ी-रींगस-फुलेरा-मदार रेलखंड के 12 स्टेशनों (रेवाड़ी, कुंड, मिर्जापुर बाछोद, निजामपुर, माउंडा, कांवट, रींगस, पचार मलिकपुर, खंडेल, फुलेरा, साखुन एवं किशनगढ़), जयपुर-फुलेरा रेलखंड के 02 स्टेशनों (कनकपुरा एवं आसलपुर जोबनेर) एवं मदार-पालनपुर रेलखंड के 19 स्टेशनों (मदार, अजमेर, मांगलियावास, खरवा, ब्यावर, बर, चंडावल, सोजत रोड, मारवाड़ जं, भींवालिया, रानी, फालना, जवाई बांध, नाना, बनास, किवरली, आबूरोड, सरोत्रा रोड एवं करजोड़ा) पर यह एनीमोमीटर लगाए गए हैं।

एनीमोमीटर का संबंधित स्टेशन मास्टर एवं पीडब्ल्यूआई द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। यदि हवा की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होती है तो स्टेशनों पर डबल स्टैक कंटेनर वाली रेलसेवाओं को रोक दिया जाता है। यदि हवा की गति ज्यादा होने पर कोई रेलसेवा संचलन में बीच सेक्शन में है तो तुरंत लोको पायलट/गार्ड को उपलब्ध संचार माध्यम से सूचित कर अधिकतम 30 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से रेल सेवा को स्टेशन पर लाया जाता है, इसके बाद हवा के गति सामान्य होने पर ही गाड़ी को आगे रवाना किया जाता है।