जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) दरों में किए गए सरलीकरण से गरीब, किसान, मध्यम वर्ग, व्यापारी और उद्योगपतियों सहित समाज के सभी वर्गों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जीएसटी दरों के संबंध में मंत्रीगण और विधायकों की वीसी के माध्यम से आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देशवासियों को त्यौहारों के शुभ अवसर पर जीएसटी दरों में कमी की अनूठी सौगात दी गई है। इसका व्यापक लाभ सुनिश्चित करने के लिए जन-जागरूकता आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 22 से 29 सितम्बर तक जीएसटी सुधार एवं दर युक्तिरण जन-जागरूकता कार्यक्रम ‘जीएसटी बचत उत्सव’ शुरू किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के साथ ही व्यवसायी वर्ग को प्रेरित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन नेशन वन टैक्स प्रणाली की ओर बढ़ते हुए देश में वर्ष 2017 में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू किया गया था। इसमें 5, 12, 18 व 28 प्रतिशत की चार अलग-अलग टैक्स स्लैब थी।
मोदी ने गत स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी सुधारों की घोषणा की, जिसकी अनुपालना में अब 22 सितम्बर से देश में मुख्य रूप से दो दरें पाच एवं18 प्रतिशत प्रभावी हो रही हैं। केवल विलासिता से संबंधित वस्तुओं पर ही 40 प्रतिशत टैक्स दर लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस कदम से दैनिक उपयोग की अधिकांश वस्तुएं सस्ती होंगी और आमजन को बड़ी राहत मिलेगी।
शर्मा ने कहा कि किसान, मध्यम वर्ग और स्वास्थ्य क्षेत्र को भी इस कटौती का फायदा मिलेगा। टैक्स कम होने से वस्तुओं की मांग बढ़ेगी, व्यापारी लाभान्वित होंगे तथा उद्योगों को सरल कर संरचना का लाभ मिलेगा।
उन्होंने बैठक में मंत्रियों और विधायकों को निर्देशित करते हुए कहा कि अभियान की अवधि के दौरान वे अपने-अपने क्षेत्रों में जीएसटी बचत उत्सव का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आमजन को इस संबंध में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि स्थानीय बाजारों में जाकर दुकानदारों को जीएसटी दरों में कमी से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दें तथा उन्हें इसका लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करें।
होर्डिंग्स, बैनर एवं स्टीकर्स के माध्यम से भी जीएसटी बचत उत्सव का प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी मंत्री जिलों में व्यापारी संघों, चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं कर संघों के साथ बैठक आयोजित कर वार्ता करें तथा सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों के माध्यम से अभियान का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें।