जयपुर। राजस्थान में पंचायत चुनावों को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के आदेश पर खंडपीठ ने सोमवार को रोक लगा दी।
एकल पीठ ने 18 अगस्त के आदेश में राज्य सरकार से जल्द पंचायत चुनाव कराने के लिए कहा था साथ ही सरकार के प्रशासकों को हटाने के आदेश पर भी रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की थी। आज सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस पी शर्मा की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने बहस करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव जल्द कराने से जुड़ी जनहित याचिका और परिसीमन से जुड़े मामलों पर राजस्थान हाईकोर्ट की खंड पीठ पहले ही सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख चुकी है। यह समान मामला है, ऐसे में एकलपीठ इसमें दखल नहीं दे सकती है।
राज्य सरकार सभी पंचायतों और निकायों के चुनाव एक साथ कराना चाहती है। ऐसे में कार्यकाल पूरा कर चुके सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया गया। यह व्यवस्था अस्थाई तौर पर और पंचायतों के दैनिक कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए की गई थी।
बाद में कुछ प्रशासकों की शिकायत मिलने पर उनको पद से हटाया गया था। याचिका में कहा गया कि इन हटाए गए प्रशासकों की किसी प्रकार की विधिक क्षति नहीं हुई है। नए चुनाव के बाद इन्हें वैसे भी हटाया जाना था। ऐसे में मामले में एकलपीठ की ओर से दिए आदेश को रद्द किया जाए।
उच्च न्यायालय की एकलपीठ के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयोग ने जल्द चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी। सरकार ने कहा था कि वह एक राज्य एक चुनाव के तहत एक साथ चुनाव कराने पर विचार कर रही है। इसके बाद आयोग और सरकार में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।