प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सिख समुदाय से जुड़े विवादित बयान को लेकर दायर निगरानी याचिका के खिलाफ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया है।
न्यायाधीश समीर जैन की अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद तीन सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था,जिस पर आज फैसला सुनाया गया। राहुल गांधी ने वाराणसी के स्पेशल जज एमपी/एमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। उन्होंने वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा निगरानी याचिका स्वीकार किए जाने को दी थी। उच्च न्यायालय से याचिका खारिज होने के बाद अब वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट में निगरानी याचिका पर आगे की सुनवाई करेगी।
पिछली 21 जुलाई को वाराणसी एमपी/एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ निगरानी याचिका को स्वीकार किया था जिसके खिलाफ राहुल गांधी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली थी।
गौरतलब है कि सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका के दौरे के दाैरान भड़काऊ बयान दिया था। इस बयान से सिख सम्प्रदाय के करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई थी। राहुल ने कहा था कि भारत में सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने का अधिकार नहीं है। ना ही उन्हें गुरद्वारा में जाने की इजाजत है।
इसी को लेकर वाराणसी के रहने वाले ने 28 नवंबर 2024 को दाखिल की गई इस याचिका को एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था।
इसके बाद नागेश्वर मिश्रा ने वाराणसी सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की, जिसे 21 जुलाई 2025 को स्पेशल जज (एमपी/एमएलए कोर्ट) ने स्वीकार कर लिया था। इसी को लेकर राहुल गांधी ने इस आदेश को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। तीन सितंबर को सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया।