सनातन धर्म कभी खत्म नहीं होगा : सतीश पूनियां

कोटा। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे एवं तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए विवादित बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि सनातन धर्म कभी खत्म नहीं होगा जबकि इस तरीके के तात्कालिक संगठन खत्म हो सकते हैं।

डा पूनियां ने रविवार को यहां मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस तरीके के जुगाड़ू विचार खत्म हो सकते हैं लेकिन सनातन का विचार, राष्ट्रवाद का विचार, हिंदुत्व का विचार यह कभी खत्म नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा कि उदयनिधि स्टालिन का बयान दुर्भाग्यपूर्ण एवं बहुत ही निंदनीय है लेकिन यह बात उनको समझ लेनी चाहिए उनका विचार खत्म हो सकता है लेकिन सनातन का विचार कभी खत्म नहीं हो सकता।

वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर डा पूनियां ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी कमेटी बनाई है, कमेटी जो सिफारिश करेगी उसके आधार पर आगे तय होगा। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव के चलते लंबे समय तक आचार संहिता के कारण विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं, इसलिए वन नेशन वन इलेक्शन देश का बड़ा मुद्दा है क्योंकि सालभर तक चुनाव चलते रहते हैं ऐसे में एक बड़ा खर्चा होता है। इस पर लगाम लगाने के लिए वन नेशन वन इलेक्शन की मांग लंबे समय से चली आ रही है।

न्यायपालिका को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान पर डा पूनियां ने कहा कि देश में तीन बड़े स्तम्भ हैं, जो संविधान की छाया में फलते फूलते हैं, कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका, उनका अपना सम्मान है, उनका अपना स्थान भी है। इसलिए मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया वह निंदनीय है, इससे उन्होंने पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई है।

डा पूनियां बारां के छबड़ा में महारानी अवंतीबाई जन्म जयंती समारोह में भी सम्मिलित हुए और इस दौरान लोधा समाज बंधुओं से संवाद किया जहां बड़ी संख्या में लोधा समाज के प्रबुद्धजन और युवा शक्ति मौजूद रही। इसके बाद उन्होंने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के कथा कार्यक्रम में भक्तजनों के साथ कथा का श्रवण किया।

इससे पहले उन्होंने कोटा में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के भतीजे विजय गुंजल के आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक संवेदना व्यक्त की और गुंजल परिवार से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।