नई दिल्ली। देश की राजधानी स्थित भारत मंडपम में संपन्न हुए दो दिवसीय सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव में देशभर से तीन हजार से अधिक हिंदू भक्तों और 800 से अधिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर संत-महंत, मंत्री, उद्योजक, अधिवक्ता, चिंतक और रक्षा विशेषज्ञों ने सनातन राष्ट्र की स्थापना हेतु संस्कृति के संरक्षण का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। सुरक्षा, संस्कृति और शौर्य विषय पर हुए मार्गदर्शन तथा शस्त्र-प्रदर्शन से उपस्थित जनसमूह में अदम्य शौर्य और प्रेरणा का संचार हुआ।
भारत बनेगा प्रजासत्ताक हिंदू राष्ट्र : स्वामी विज्ञानानंद
महोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित सनातन राष्ट्र संकल्प संत सभा में हिंदुओं का सांस्कृतिक घोषणा पत्र विषय पर बोलते हुए विश्व हिंदू परिषद के सह महामंत्री स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि जो राष्ट्र हिंदू जीवन-पद्धति अपनाएगा, वही सच्चे अर्थों में हिंदू राष्ट्र बनेगा। स्वतंत्रता-पूर्व भारत समृद्ध था। सूर्य के उदय से अस्त तक का भूभाग हिंदू अधिपत्य में था। आज हिंदुओं की सत्ता केवल भारत के कुछ राज्यों तक सीमित है। अतः केवल त्योहारों में रमने के बजाय, शेष प्रदेशों को पुनः हिंदू संस्कृति के रंग में लाना प्रत्येक का कर्तव्य है। तभी भारत केवल हिंदू राष्ट्र नहीं, बल्कि प्रजासत्ताक हिंदू राष्ट्र बनेगा।
चरित्र निर्माण करने वाली शिक्षा नीति बने : पूज्य पवन सिन्हा गुरुजी
पावन चिंतनधारा आश्रम के संस्थापक पूज्य पवन सिन्हा गुरुजी ने कहा कि केवल चरित्रवान लोग ही धर्मयुद्ध कर सकते हैं। जिनके पास चरित्र नहीं होता, वे युद्ध नहीं जीत सकते। भारत के पास चरित्र होने के कारण पाकिस्तान के विरुद्ध हुए अनेक छोटे-बड़े युद्धों में भारत को सफलता मिली। चरित्र निर्माण करना आसान नहीं है और चरित्र का शिक्षा से सीधा संबंध नहीं होता। अनेक उच्च शिक्षित लोग भी भ्रष्टाचारी हैं। वर्तमान शिक्षा युवाओं में चरित्र निर्माण करने में असमर्थ है, इसलिए केंद्र सरकार को चरित्र निर्माण करने वाली शैक्षणिक नीति तैयार करनी चाहिए, ऐसा आवाहन
संविधान में यह भेदभाव क्यों? : रमेश शिंदे
हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में सेक्युलर देश कहा गया है, किंतु धारा 25 से धार्मिक आधार पर भेदभाव किया गया है। अल्पसंख्यकों के लिए अलग प्रावधान और नियम बनाए गए हैं। यह समानता के सिद्धांत के विपरीत है। सच में यदि देश सेक्युलर है तो फिर यह भेदभाव क्यों?
छत्तीसगढ़ के शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर युधिष्ठिरलाल महाराज ने आह्वान किया कि उपस्थित सभी व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में सनातन राष्ट्र स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाएं। हिंदू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ ने कहा कि भगवान ने गीता में कहा है, न मे भक्तः प्रणश्यति अर्थात मेरे भक्त का नाश नहीं होता।
इसलिए संकट के समय में सुरक्षा के साथ ईश्वरभक्ति का मार्ग ही कल्याणकारी है। महोत्सव का समापन वंदे मातरम् के सामूहिक गायन से हुआ। इस महोत्सव के आयोजन के लिए भारत सरकार के कला व संस्कृति विभाग, भाषा विभाग, सांस्कृतिक मंत्रालय तथा दिल्ली पर्यटन विभाग का सहयोग प्राप्त हुआ।
यह भी पढें
सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव 2025 में प्राचीन भारत की युद्धकला का अद्भुत पुनर्जागरण
सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव में सुरक्षा, संस्कृति और शौर्य का उद्घोष
भारत मंडपम में शिवकालीन शस्त्र और वंदे मातरम् प्रदर्शनी का उद्घाटन
दिल्ली शंखनाद महोत्सव : भारत की सामरिक नीति पर मंथन




