डॉ एसपी सिंह ओबरॉय ने शारजाह में चार युवकों को फांसी से बचाया

अमृतसर। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से ऊपर उठकर जनसेवा की नई मिसाल कायम करने वाले और देश-विदेश में जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर पहुंचने वाले प्रख्यात व्यवसायी डॉ. एसपी सिंह ओबरॉय द्वारा शारजाह में एक भारतीय और तीन पाकिस्तानी युवकों की मौत की सजा माफ करायी है और इनमें से पंजाब के गुरदासपुर का युवक गुरप्रीत सिंह शुक्रवार को अपने वतन लौट आया।

इन चारों युवकों को 2019 से शारजाह में एक अन्य भारतीय युवक की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इन युवाओं में पंजाब के गुरदासपुर जिले से संबंधित गुरप्रीत सिंह और पाकिस्तानी पंजाब से ताल्लुक रखने वाले राव मोहम्मद आदिल, राणा ताबिश राशिद और आदिल जावेद चीमा शामिल हैं।

गुरदासपुर जिले के गांव शेखूपुर के गुरप्रीत सिंह के परिवार ने सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की अमृतसर इकाई से संपर्क करने के बाद डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिये हर संभव प्रयास किया। दो साल की सुनवाई के बाद शारजाह कोर्ट ने इन चारों युवकों को मौत की सजा सुनायी। पंजाब के बलाचौर से संबंधित जिस युवक की हत्या हुई थी उसके माता-पिता से लंबे समय तक संपर्क के बाद डॉ. एसपी सिंह ओबराय उन्हें ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए मनाने में कामयाब रहे।

इस समझौते के बाद शारजाह कोर्ट में न्यायाधीशों की मौजूदगी में डॉ. ओबरॉय ने मौके पर ही मृतक युवक के परिजनों को ब्लड मनी के तौर पर दो लाख ड्राम (करीब 46 लाख भारतीय रुपए) सौंपे और युवक की मौत की सजा माफ कर दी। इस ब्लड मनी में चारों युवाओं के परिवारों के योगदान के अलावा, डॉ ओबराय ने अपने पास से इस ब्लड मनी
का एक बड़ा हिस्सा भी दिया।

इस मामले को लेकर डॉ ओबरॉय ने बताया कि शारजाह कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए चारों युवकों को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है। शारजाह जेल से रिहा हुए परमजीत सिंह के पुत्र गुरप्रीत सिंह सुबह अमृतसर के गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां उनकी मां बलजीत कौर और पत्नी मेघा सहित उनके परिवार के सदस्यों ने भावपूर्ण स्वागत किया।

पांच साल की अवधि के बाद मौत की सजा से बचे गुरप्रीत और परिवार के पुनर्मिलन के दौरान भावनाओं के अविरल प्रवाह ने सभी की आंखें नम कर दीं। गुरप्रीत के पिता परमजीत सिंह करीब दो साल पहले से ही अपने पुत्र से मिलने का इंतजार कर रहे थे। रिहा हुए गुरप्रीत सिंह और उनके परिवार ने गुरप्रीत की जान बचाने वाले सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. एसपी सिंह ओबराय का विशेष धन्यवाद व्यक्त किया, जिसने राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर बच्चों की जान बचाई।

गुरप्रीत के मुताबिक, डॉ. ओबरॉय खाड़ी देशों में फंसे सैकड़ों लोगों के लिए भगवान के दूत के रूप में काम करते हैं। इस मौके पर सरबत दा भला ट्रस्ट माझा जोन इकाई के अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह हेर, सलाहकार सुखदीप सिंह सिद्धू, महासचिव मनप्रीत संधू, शीशपाल सिंह लाडी और नवजीत सिंह घई भी मौजूद थे। सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. ओबरॉय के प्रयासों से 2010 से अब तक 138 लोगों को फांसी या 45 साल तक की लंबी सजा से रिहा किया जा चुका है।