‘लव जिहाद’ रोकने के लिए गरबे में ना हो अहिन्दुओं का प्रवेश

नई दिल्ली। नवरात्रोत्सव शीघ्र ही आरंभ हो रहा है। यह आदिशक्ति की आराधना का उत्सव है परंतु इसी काल में लव जिहादी स्त्रीशक्ति को चोट पहुंचाने के प्रयास करते हैं। स्वयं की वास्तविक पहचान छिपाकर हिन्दू नाम धारण कर, लाल धागा बांधकर लव जिहादी गरबे में प्रवेश करते हैं। इस कारण इस काल में हिन्दू लडकियां-महिलाएं लव जिहाद की बली चढने की घटनाएं बडी संख्या में सामने आती हैं।

इस पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडकियों तथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए, साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अहिन्दुओं का गरबे में प्रवेश वर्जित किया जाए तथा इस आशय का बडा फलक प्रत्येक गरबा-स्थल पर लगाया जाए, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति ने नवरात्रोत्सव मंडलों तथा गरबा आयोजकों से किया है।

हाल ही में राष्ट्रीय रायफल शूटर तारा सहदेव से हिन्दू के रूप में अपना परिचय बताकर विवाह करने वाले तत्पश्चात इस्लाम कुबूल करने के लिए मारपीट करने वाले उसके पति रकीबुल हसन को झारखंड में सीबीआई के विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास की, जबकि धर्मांतरण हेतु बदाप बनाने वाली रकीबुल की मां को दस वर्ष का दंड दिया है। इस प्रकरण से ‘लव जिहाद’ एक बार पुनः कानूनी दृष्टि से सिद्ध हुआ है।

पिछले कुछ वर्षाें में अनेकों हिन्दू लडकियों को झूठे प्रेम के जाल में फंसाकर हिन्दू लडकियों को धर्मांतरित किया गया है। इसका विरोध करने पर अनेक श्रद्धा वालकर की नृशंस हत्या की गई है। ‘लव जिहाद’ के विषय में केवल हिन्दू संगठन ही नहीं, अपितु अनेक ईसाई संगठन तथा ईसाई धर्मगुरुओं ने भी आवाज उठाई है। इसी के साथ केरल की के दो पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चंडी तथा वीएस अच्युतानंदन् ने, साथ ही केरल हाईकोर्ट ने भी ‘लव जिहाद’ की भीषणता मान्य की है।

इसी कारण देश के छह राज्यों में ‘लव जिहाद विरोधी कानून’ बनाया गया है तथा महाराष्ट्र, गोवा आदि राज्यों में यह कानून बनाने की मांग जोर पकड रही है। महाराष्ट्र में यह कानून लागू करने हेतु समिति सहित विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने बडी संख्या में मोर्चे निकाले हैं साथ ही मुख्यमंत्री ने भी लव जिहाद विरोधी कानून बनाने का आश्वासन दिया है।

इसी पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडकियों तथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए गरबा स्थल के प्रवेशद्वार पर सुरक्षा-व्यवस्था तैनात की जाए। यहां गरबे में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आधार कार्ड जांचा जाए। उसका नाम सुनिश्चित किया जाए। इसके पश्चात ही प्रत्येक व्यक्ति को प्रवेश दिया जाए। इसी के साथ प्रत्येक लडके-पुरुष को भीतर जाते समय तिलक लगाया जाए, जिससे अहिन्दुओं को, लव जिहादियों को इस उत्सव से दूर रखा जा सके। इसके परिणाम स्वरूप हिन्दू लडकियां-महिलाएं सुरक्षित रहेंगी, ऐसा समिति ने कहा है।

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