नई दिल्ली। हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली स्यंदन एविएशन ने शनिवार को दिल्ली के रोहिणी हेलीपोर्ट से राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम और चूरू जिले में स्थित सालासर बालाजी के लिए दैनिक उड़ान शुरू की।
स्यंदन एविएशन के प्रबंध निदेशक अभिनव सहाय ने इस मौके पर बताया कि कंपनी देश के पूरे एविएशन इको सिस्टम में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहा है। उसका फोकस हेलीकॉप्टर से तीर्थयात्रा पर है, ऐसे स्थलों की यात्रा जो सनातन धर्म से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि इसी साल मथुरा-वृंदावन के लिए भी सेवा शुरू की जाएगी।
रोहिणी-खाटू श्याम जी-सालासर बालाजी-रोहिणी का किराया 95 हजार रुपए प्रति व्यक्ति रखा गया है। लोग छह घंटे में दर्शन करके उसी दिन वापस भी आ सकते हैं। पूरी यात्रा की दूरी करीब 700 किलोमीटर है। इसमें हेलीकॉप्टर के किराये के साथ दोनों मंदिरों तक परिवहन सेवा, मंदिर में वीआईपी दर्शन, प्रसाद और खाटू श्याम में आराम की व्यवस्था शामिल है। हेलीकॉप्टर सुबह 9.30 बजे रोहिणी हेलीपोर्ट से उड़ान भरेगा और अपराह्न 2.30 बजे वापस आ जायेगा। पहली उड़ान में जाने-माने कवि एवं पूर्व राजनेता कुमार विश्वास पहले यात्री बने।
सहाय ने बताया कि स्यंदन एविशन चारधाम यात्रा पहले ही शुरू कर चुकी है। आज खाटू श्याम और सालासर बालाजी के लिए सेवा शुरू की गई है। अगली सेवा मथुरा और वृंदावन के लिए होगी। उन्होंने बताया कि मथुरा और वृंदावन के लिए योजना काफी आगे तक पहुंच चुकी है और यह जल्द शुरू होगी। उन्होंने बताया कि लॉजिस्टिक्स को लेकर कुछ काम बाकी है और इसके लिए लोगों को अगले साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
जयपुर-मेहंदीपुर बालाजी मार्ग पर सेवा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह भी पाइपलाइन में है। सभी हितधारकों से बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। यदि सब ठीक रहा तो हम इस मार्ग पर भी जल्द सेवा शुरू कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि कंपनी देश में एकीकृत हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सेवा शुरू करेगी। ऐसे प्रयास पहले भी किए गए हैं, लेकिन वे सफल नहीं रहे हैं क्योंकि यह काफी चुनौतीपूर्ण परियोजना हैं जिसमें काफी चीजों में समन्वय स्थापित करने की जरूरत होती है। साथ ही सरकारी संगठनों के साथ बहुत नजदीकी साझेदारी की भी आवश्यकता होती है, न सिर्फ सरकारी विभागों के साथ बल्कि सरकार का सहयोग करने वाले संगठनों के साथ भी।
पहले कंपनी एक पायलट परियोजना शुरू करेगी। कुछ साझेदारियां की जानी हैं जिनके पूरा होने पर इसकी घोषणा कर दी जाएगी। सरकार से वित्तीय मदद के बारे में पूछे जाने पर सहाय ने कहा कि फिलहाल वह इसके बारे में जानकारी साझा करने की स्थिति में नहीं हैं। इस क्षेत्र अब तक अपनाए गए मॉडलों के विफल होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हम एक ऐसा मॉडल लेकर आएंगे जो इसे वास्तव में सबके लिए सुलभ बनाएगा, जिसमें सेवा का लाभ उठाने वाले लोगों को खर्च की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। जल्द ही इसका पायलट भी शुरू हो जाएगा।