सुरक्षित सड़क मार्ग अभियान के तहत एसपीसी-जीसीए में प्रशिक्षण सम्पन्न

अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), राष्ट्रीय क्रेडिट कौर (एनसीसी), रोवर्स/ रेंजर्स की सुरक्षित सड़क मार्ग (सुसमा) अभियान में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को को राज्य स्तर पर उच्च शिक्षा विभाग की आरे से एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक श्रीराम सिंह मीणा, अधिशासी अभियन्ता और सह प्रशिक्षक मोनिका सामरिया, सहायक अभियन्ता रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार बहरवाल ने की। इस अवसर पर जिला समन्वयक डॉ. हरभान सिंह भी उपस्थित थे।

मुख्य प्रशिक्षक मीणा और सह प्रशिक्षक सामरिया ने विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के महत्त्व से परिचित कराते हुए आगामी अभियान में किए जाने वाली गतिविधियों और सावधानियों से अवगत कराया। सड़क पर यातायात से जुड़ी विविध तकनीकी जानकारी एवं सड़क सुरक्षा चक्र के विभिन्न पक्षों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षकों ने बताया कि सड़क यातायात को सुव्यवस्थित बनाने के लिए युवाओं को जागरूक करने की इस पहल के अन्तर्गत सुरक्षित सड़क मार्ग का व्यापक अभियान चलाया जाएगा।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार बहरवाल ने युवाओं को इस अभियान से बड़ी संख्या में जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से बचने का एक ही उपाय है कि यातायात नियमों की पूरी तरह से अनुपालना की जाए। इन नियमों की जानकारी स्वयं को और सड़क पर चल रहे अन्य लोगों को सुरक्षित रखने में सहायक होती है। सभी विद्यार्थियों को सड़क मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए पूरे जोश और उत्साह से सहभागिता करनी चाहिए।

प्रशिक्षण के पश्चात् फीडबैक फॉर्म भरवाया गया और सड़कों के निरीक्षण एवं उसकी रिपोर्ट के प्रारूप और उससे जुड़ी तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।
सम्पूर्ण राजस्थान में विभिन्न विभागों द्वारा निर्मित शहरी सड़क सड़कों के लिए सुरक्षित सड़क मार्ग (सुसमा) अभियान का आयोजन 9 अगस्त से 15 सितंबर 2025 तक किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आशुतोष पारीक ने किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. विजय कुमार एवं डॉ. सीमा गोठवाल ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. उमेश दत्त ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में लक्षिता सिंह, पर्ल फुलवारी, गौरव कुर्डिया, नितेश परसोया आदि स्वयंसेवकों ने विशेष योगदान दिया।