दुनिया में 140 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप के शिकार, 30 प्रतिशत भारत में

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 140 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप के शिकार हैं जिनमें 30 प्रतिशत भारत में हैं। डब्ल्यूएचओ की वैश्विक उच्च रक्तचाप रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में 30 से 79 वर्ष की उम्र के 34 प्रतिशत लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं। भारत में यह संख्या 30 प्रतिशत है।

यह संगठन द्वारा उच्च रक्तचाप पर जारी दूसरी रिपोर्ट है। पहली रिपोर्ट साल 2023 में जारी की गई थी। इसमें यह बात भी सामने आई है कि कम आय वाले देशों में सिर्फ 28 प्रतिशत के पास अनुशंसित दवाएं उपलब्ध हैं।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने कहा कि दुनिया में हर घंटे उच्च रक्तचाप के कारण स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने से एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से अधिकतर मौतों को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में उच्च रक्तचाप नियंत्रण को शामिल करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति, निवेश और सुधारों के जरिये लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 195 में से 99 देशों में उच्च रक्तचाप नियंत्रण की दर 20 प्रतिशत से कम है। भारत में यह दर महज 17 प्रतिशत है। इस बीमारी के नियंत्रण में मुख्य बाधाएं स्वास्थ्य संबंधी नीतियों की कमजोरी, रक्तचाप मापने की मशीनों तक सीमित पहुंच और मानक उपचार प्रोटोकॉल की कमी हैं। इसके अलावा महंगी दवाएं और मरीजों के लिए अपर्याप्त वित्तीय सुरक्षा भी एक कारण है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उच्च रक्तचाप के नियंत्रण की दिशा में बांग्लादेश, फिलिपीन्स और दक्षिण कोरिया द्वारा की गई प्रगति की सराहना की है। उसने कहा कि इन देशों ने इस बीमारी को आम स्वास्थ्य कवरेज में शामिल किया है, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में निवेश किया है और समाज को इस पहल में शामिल कर यह उपलब्धि हासिल की है।

रिपोर्ट के अनुसार, कम तथा मध्यम आय वाले देशों में दिल की बीमारियों के कारण साल 2011 से 2025 के बीच 3.7 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है जो इन देशों के संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग दो प्रतिशत के बराबर है।