निराशा में आशा की किरण कला संस्कृति और साहित्य से ही संभव है : पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
रीवा/पाली। अखिल भारतीय साहित्य परिषद का 17वां राष्ट्रीय अधिवेशन मध्यप्रदेश के रीवा शहर में संपन्न हुआ।
प्रांत प्रचार प्रमुख पवन पाण्डेय ने बताया कि शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुख्य आतिथ्य, मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, मराठी साहित्यकार विश्वास महीपति पाटिल, राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. सुशीलचंद्र त्रिवेदी मधुपेश, महामंत्री डाॅ. ऋषिकुमार मिश्र, संयुक्त महामंत्री डाॅ पवनपुत्र बादल के विशिष्ट आतिथ्य में कृष्णा राजकपूर सभागार में हुआ।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित करते हुए कहा कि आत्मबोध की कमी बौद्धिक कमजोरी का परिचायक है। भारतीय मनीषियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा जो स्वयं को भूल गए उनको राष्ट्र भुला देता है। निराशा में आशा की किरण कला संस्कृति और साहित्य से ही संभव है।
संघ के सरकार्यवाह अतुल लिमये ने कहा कि श्रेष्ठ साहित्य मनुष्य को रचनात्मक और सृजनात्मक दृष्टि प्रदान करता है। उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा साहित्य परिषद के त्रिदिवसीय अधिवेशन में देश भर के श्रेष्ठ विद्वानों द्वारा विचार मंथन के उपरांत जो अमृत निकलेगा वह देश को नई दिशा देगा।
जलयोद्धा पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय ने पर्यावरण और जलसंरक्षण के बारे में चिार व्यक्त करते हुए कहा कि जल संकट भारत में ही नहीं संपूर्ण विश्व में बढ़ता जा रहा है। प्रो. कुमुद शर्मा ने साहित्यकारों को वैदिक साहित्य परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि भारतीय साहित्य में वैदिक काल की प्रभुता रही है।
नवनियुक्त राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मनोज कुमार ने कहा कि वैश्विक शक्तियां भारत के साथ छल और षडयंत्र कर रही हैं परंतु वास्तव में भारत ही विश्व को सुख प्रदान करेगा, आत्मबोध से विश्व बोध की परिकल्पना विश्व कल्याण की परिकल्पना है।
राष्ट्रीय मंत्री ऋषिकुमार मिश्र ने साहित्य परिषद के कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। परिषद ने प्रस्ताव पारित किया जिसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म को नियंत्रण में लाने की बात कही गई क्योंकि इसके माध्यम से अश्लीलता और राष्ट्र विरोधी सूचना का प्रसारण होता है।
शताब्दी वर्ष में संघ साहित्य परिषद विभिन्न इकाइयों पर संगोष्ठी के माध्यम से विचार विमर्श करेगी। अधिवेशन में क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ विपिन चंद्र, प्रदेश अध्यक्ष प्रो. अन्नाराम शर्मा, प्रदेश महामंत्री डाॅ. केशव शर्मा पाली जिलाध्यक्ष भंवरसिंह राठौड़ चोटिला ने भाग लिया।




