अजमेर। मानसूनी बारिश भले ही अजमेर शहर के वाशिंदों के लिए परेशानी का कारण बन रही हो, लेकिन समीपवर्ती कायड गांव के लिए वरदान साबित हुई है। भरपूर बारिश के चलते 50 साल बाद फूलसागर तालाब की पाल से चादर चली है। इस खुशी में गांव में लड्डू बांटे गए। बच्चों, बडों और बुजूर्गों का तालाब की पाल पर मजमा लग गया। हर कोई पाल से चल रही चादर को देखने को उतावला था।
गांव के बुजूर्ग बताते हैं कि उन्होंने कभी जवानी के दिनों यानी सन 1975 में बारिश के दौरान आखिरी बार तालाब की पाल से चादर चलते देखी है। इसके बाद कभी भी तालाब पूरा नहीं भरा। इस बार इंद्रदेव की कृपा बरसी और तालाब की चादर चल पडी। 5 साल, 1 माह और 20 दिन बाद चादर चलने का मौका आया है।
ग्रामीण एडवोकेट शहाबुद्दीन ने बताया कि दशमी जैसे शुभ दिन तालाब की चादर चलना निसंदेह ईश्वर की कृपा है। सभी ने ढोल बजाकर खुशी जताई। आलम यह है कि तालाब की पाल पर पिकनिक स्पॉट जैसा नजारा बना हुआ। आस पास के गांवों से भी ग्रामीण तालाब की पाल से चल रही चादर को देखने आ रहे हैं।