बजट घोषणा में कर्मचारियों की मांगों के लिए महासंघ का सद्बुद्धि यज्ञ

जयपुर। बजट घोषणा में कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) गुरुवार को सभी संभागों एवं जिलों में सद्बुद्धि यज्ञ का अनुष्ठान कर लंबित मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करेगा। यह जानकारी महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने एक बयान में दी।

उन्होंने बताया कि यह ध्यानाकर्षण यज्ञ सभी संभागों एवं जिलों में दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच कलेक्ट्रेट कार्यालय पर आयोजित किए जाएंगे। राठौड़ ने एक अन्य बयान में कर्मचारियों की मांगों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रमुख मांगों में वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।

चयनित वेतनमान (एसीपी) का लाभ 9, 18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8,16, 24 व 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के समान दिया जाए। ग्रेड- पे 2400 व 2800 के लिए बनाए गए पे-लेवल को समाप्त कर केंद्र के अनुरूप पे मैट्रिक्स क्रमशः 25500 – 81100 एवं 29200-92300 निर्धारित की जाए।

मंत्रालयिक कर्मचारियों को सचिवालय कर्मचारियों के समान पदोन्नति लाभ दिया जाए। कांग्रेस के घोषणापत्र के अनुरूप जनता जल योजना कर्मी, होमगार्ड, आंगनबाड़ी कर्मियों, सीसीडीयू एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंशकालीन रसोईये व चौकीदार, संविदा कर्मियों, एनआरएचएम एवं एनयूएचएम कर्मियों, पैरा टीचर्स, उर्दू पैरा टीचर्स, लोक जुंबिश कर्मियों, शिक्षाकर्मियों, विद्यार्थी मित्रों, पंचायत सहायकों, प्रेरक, वनमित्र, कृषि मित्र, चिकित्सा कर्मी, एंबुलेंस कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, संविदा फार्मासिस्ट, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना में लगाए गए लैब टेक्नीशियन व लैब अटेंडेंट, आईटीआई संविदा कर्मी एवं पशुपालन विभाग के पशुधन सहायक आदि सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए।

कर्मचारियों के लिए स्पष्ट एवं पारदर्शी स्थानांतरण नीति बनाई जाए। ग्रामीण भत्ता 10% स्वीकृत किया जाए। केंद्र के अनुरूप राज्य में एमटीएस का पद सृजित किया जाए। दो से अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति से 5 वर्ष/3 वर्ष वंचित किए जा चुके राज्य कर्मचारियों को उनकी पदोन्नति उपरांत मूल वरिष्ठता प्रदान की जाए।

अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक जोड़ने की घोषणा की जाए।) पेंशनर्स को पेंशन वृद्धि का लाभ 80 वर्ष पर 20% देने के स्थान पर 65,70,75 व 80 वर्ष पर क्रमशः 5- 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि करना आदि शामिल है। राठौड़ ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि बजट में कर्मचारी वर्ग की अनदेखी की गई तो कर्मचारी महासंघ आंदोलन से पीछे नहीं हटेगा।