बीकानेर। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राजस्थान में बीकानेर के जयमलसर में शुक्रवार को देश के पहले राजकीय बालिका सैनिक कन्या विद्यालय का लोकार्पण किया। इस रामीदेवी रामनारायण राठी बालिका सैनिक विद्यालय के लिए भामाशाह पूनमचंद राठी द्वारा 108 करोड़ रुपए राशि की भूमि और भवन शिक्षा विभाग को समर्पित की गई है।
इस अवसर पर मेघवाल ने कहा कि देश का पहला राजकीय बालिका सैनिक विद्यालय, जयमलसर में खुला है। यह सभी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने इसके लिए भामाशाह परिवार का आभार जताया और कहा कि दानवीर लोगों का धन चलता रहता है, जो नदी के पानी की तरह मीठा होता है। तिजोरी में जमा धन, समाज के किसी काम नहीं आता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा संभाग स्तर पर सैनिक विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है, यह सराहनीय है। इससे बालिकाओं में राष्ट्रभक्ति और राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना जागृत होगी।
दिलावर ने कहा कि देश के पहले राजकीय सैनिक विद्यालय से हमारी बेटियां सैनिक शिक्षा प्राप्त करेंगी और सैन्य अधिकारी सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह की भांति देश की सेवा करते हुए राजस्थान और बीकानेर का नाम रोशन करेंगी। उन्होंने कहा कि राठी परिवार द्वारा अपनी मेहनत से कमाया हुआ पैसा, इतने बड़े काम के लिए समर्पित किया है। इसे आने वाले समय में याद रखा जाएगा।
दिलावर ने कहा कि राजस्थान वीरों, तपस्वियों, त्यागी और दानवीरों की धरती है। राठी परिवार ने दानवीर भामाशाह की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इतना बड़ा काम किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के प्रति कृतसंकल्प है। इस दिशा में ऐतिहासिक काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में संस्कारों का समावेश होना जरूरी है। ऐसा होने पर नागरिकों में राष्ट्र के प्रति निष्ठा के भाव जागृत होते हैं।
खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि पूनम चंद राठी ने अपने पिता रामनारायण राठी की इच्छा पूरी करते हुए संभाग को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा साकार कर रहे हैं। राजकीय बालिका सैनिक विद्यालय इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने बताया कि राज्य के वर्ष 2024-25 के परिवर्तित बजट में राज्य में सभी संभाग मुख्यालयों पर सैनिक विद्यालय स्थापित करने की घोषणा की गई है, जिसकी सर्वप्रथम क्रियान्विति बीकानेर से हुई है। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य बालिकाओं के आत्म सम्मान में वृद्धि, आत्मरक्षा के लिए तैयार करने के साथ, देश के प्रति सम्मान और सेवा का जज्बा पैदा करना है। जाट ने बताया कि ये विद्यालय पूर्णत: आवासीय होंगे और इनमें कक्षा छह से बारहवीं तक की बालिकाओं को प्रवेश दिया जाएगा। प्रथम चरण में छह से आठवीं तक की बालिकाओं का प्रवेश होगा।