23 अगस्त को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रक्त दान शिविर
देशभर में छह हजार सेवाकेंद्रों पर लगाए जाएंगे रक्तदान शिविर
अजमेर। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्यतिथि (25 अगस्त 2025) को विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में भारत सहित नेपाल में रक्तदान महाअभियान चलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा।
ब्रह्माकुमारी आशा ने बताया कि इस क्रम में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में 23 अगस्त को रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया जाएगा साथ ही अजमेर के सारे सेवा केंद्रों की बहन मौजूद रहेगी। क्षेत्रीय संचालिका ब्रह्माकुमारी शांता बहन के सान्निध्य में यह कार्यक्रम रहेगा। सेवा केंद्र पर आकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। देशभर में स्थित छह हजार से अधिक सेवाकेंद्रों पर एकसाथ 22,23,24 और 25 अगस्त के बीच विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे। अभियान के तहत एक लाख यूनिट रक्तदान का संकल्प लिया गया है।
एक लाख यूनिट से वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की तैयारी
रक्तदान महाभियान के तहत एक लाख यूनिट रक्तदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा। यह पहला मौका है जबकि कि आध्यात्मिक संगठन द्वारा इतने बड़े स्तर पर रक्तदान अभियान चलाया जा रहा है। वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
रक्तदान के लिए 50 किलो वजन होना जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार रक्तदान के लिए 18 से 65 वर्ष आयु और न्यूनतम 50 किलो वजन होना आवश्यक है। हीमोग्लोबिन स्तर पुरुषों में कम से कम 13 ग्राम व महिलाओं में 12.5 ग्राम होना चाहिए। रक्तदान के बीच पुरुषों के लिए तीन महीने और महिलाओं के लिए चार महीने का अंतर जरूरी है। साथ ही रक्तदाता पूरी तरह स्वस्थ हो और किसी गंभीर बीमारी या हाल में हुए संक्रमण से मुक्त हो।
रक्तदान के हैं कई फायदे
चिकित्सकों के मुताबिक रक्तदान करने से शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया तेज होती है। आयरन लेवल संतुलित रहता है और हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। एक यूनिट रक्त से तीन से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है। रक्तदान के 24-48 घंटों के भीतर शरीर में नया रक्त बनने लगता है, जिससे रक्त ताजा और स्वस्थ रहता है। रक्तदान से पहले ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और अन्य स्वास्थ्य जांच मुफ्त होती हैं। इससे हमें शरीर में होने वाली गंभीर बीमारियों का पता चल जाता है। रक्तदान से मानसिक सुख, आत्मसंतोष और खुशी मिलती है। रक्तदान-जीवनदान है। यह अनेक लोगों की दुआ कमाने और पुण्य कमाने की सबसे अच्छी सेवा है।
रक्तदान के पहले रखें यह सावधानी
रक्तदान से पहले हल्का पौष्टिक भोजन करने, पर्याप्त नींद लेने और तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। रक्तदान के बाद कम से कम 10-15 मिनट तक आराम करना चाहिए और भारी काम से बचना जरूरी है। आपात स्थिति में रक्त की उपलब्धता जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर साबित हो सकती है। ऐसे में समाज के स्वस्थ लोग नियमित रूप से रक्तदान करके जीवनरक्षक बन सकते है।