Home India City News बीजेपी जातिवादी, कांशीराम को भारतत्न क्यों नहीं?

बीजेपी जातिवादी, कांशीराम को भारतत्न क्यों नहीं?

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 bharat ratna : mayawati says don't ignore  dalit icons
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने केंद्र सरकार पर “जातिवादी” होने का आरोप लगाया और सवाल उठाया कि भारतरत्न सम्मान की घोषणा के समय कांशीराम की तपस्या को क्यों भुला दिया गया? मायावती ने कहा कि “एक ही जाति” के दो लोगों को भारतरत्न देने के ऎलान से साबित हो गया कि भारतीय जनता पार्टी जातिवादी है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मान-सम्मान के बाद कांशीराम की तपस्या को ध्यान में रखकर उन्हें भी इस सम्मान से सम्मानित करना चाहिए था।

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय के जन्मदिन से एक दिन पहले 24 दिसंबर को केंद्र की भाजपा सरकार ने दोनों को भारतरत्न सम्मान दिए जाने का ऎलान किया। देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान इन्हें विधिवत 26 जनवरी को दिया जाएगा।

मायावती ने कहा कि जिन दो लोगों को भारतरत्न देने का ऎलान किया गया है, वे एक ही जाति के हैं। यह भाजपा की जातिवादी मानसिकता को दर्शाती है। अच्छा होता कि यह पुरस्कार दलित महापुरूषों को भी दिया जाता, जिन्होंने समाज के उपेक्षित लोगों के उत्थान के लिए अच्छा काम किया है।

उन्होंने इस दौरान बसपा के संस्थापक कांशीराम और ज्योतिबा फुले का नाम लेते हुए कहा कि भारतरत्न देने में भी केंद्र सरकार ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है। कई दलित महापुरूष भी इस पुरस्कार के हकदार हैं और उन्हें भी यह सम्मान दिया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि किसी आयोग का नाम बदलने से देश की तकदीर नहीं बदलेगी। देश में बदलाव तभी आएगा, जब सरकार गरीबों और बेरोजगारों के लिए जमीनी स्तर पर अच्छी योजनाओं को मूर्त रूप देगी और दुर्भाग्य से ऎसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार के मुखिया ने लोगों को “अच्छे दिन” का सपना दिखाया और अब पूरी सरकार चंद पूंजीपतियों के हाथों में खेल रही है। इनका कार्यकाल तो मनमोहन सरकार से भी बेकार है।

उन्होंने कहा कि देश में चारों ओर अराजकता है। मौजूदा केंद्र सरकार की देखरेख में सिर्फ आंतरिक हालात ही नहीं बिगड़े हैं, बल्कि देश की सीमा भी सुरक्षित नहीं है। इस सरकार के कार्यकाल में देश जरा भी सुरक्षित नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार सभी जनहित की योजनाओं के प्रति लापरवाह है। मोदी सरकार जनता को धोखे में रखकर पूंजीपतियों का पूरा ध्यान रख रही है और इनको लाभ देने के लिए कानून में बदलाव तक कर रही है।

मायावती ने कहा कि मोदी सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर सिर्फ झूठे वादे कर राज्यों में सरकार बनाने के एजेंडे पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को केंद्र की सत्ता में आए सात महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन उनकी सरकार अपने वादे पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है।

मायावती ने कहा कि अच्छे दिन आने के सपने, सपने ही रह गए। देश में कालाधन वापस लाने का वादा भी हवा-हवाई साबित हुआ है। कहा गया कि विदेशों में जमा कालाधन आएगा तो प्रत्येक व्यक्ति को 15 से 20 लाख रूपये मिल जाएंगे, लेकिन यह सब छलावा साबित हो रहा है। लोगों के सपने चूर हो गए हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में जो कमी हो रही है, वह मोदी सरकार की मेहरबानी नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम हुई है, इसलिए यहां भी दामों में कमी हुई है।

महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि महंगाई कागजों में तो कम होती दिखाई दे रही है, लेकिन इसका फायदा आम जनता को मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। मायावती के निशाने पर उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार भी रही। उन्होंने सूबे में धर्मातरण को केंद्र तथा राज्य सरकार की मिलीभगत का नतीजा बताया और कहा कि एक साजिश के तहत धर्म परिवर्तन का खेल खेला जा रहा है। मगर उत्तर प्रदेश सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बदायूं की ताजा घटना से यूपी शर्मसार हुआ है। अपराध चरम सीमा पर पहुंच गया है। हालात सुधारने के नाम पर अखिलेश सरकार सिर्फ अधिकारियों का तबादला कर रही है। बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा सरकार ने अपने करीब तीन साल के कार्यकाल में जनता को सिर्फ ठगा है। जनता का करोड़ों रूपये सैफई महोत्सव में बर्बाद किया जा रहा है।

नोएडा के निलंबित इंजीनियर इन चीफ यादव सिंह के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मायावती ने ज्यादा कुछ न बोलते हुए सिर्फ इतना कहा कि इस मामले में कोई भी सवाल राज्य सरकार से पूछा जाना चाहिए। नोएडा प्राधिकारण के भ्रष्ट इंजीनियर इन चीफ को जिसने क्लीन चिट दी, उससे सवाल पूछा जाए। यूपी में ईमानदार अफसर बहुत परेशान हैं।