Home India City News अगले बरस तू जल्दी आ के वादे के साथ विदा हुए गणपति

अगले बरस तू जल्दी आ के वादे के साथ विदा हुए गणपति

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अगले बरस तू जल्दी आ के वादे के साथ विदा हुए गणपति
Ganpati festival ends with a promise to come early next year
  Ganpati festival ends with a promise to come early next year
Ganpati festival ends with a promise to come early next year

लखनऊ। राजधानी के विभिन्न पण्डालों में बिराजे भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन रविवार को भक्तों ने धूमधाम से किया। इस दौरान भक्तों ने अबीर गुलाल के साथ बैण्ड की धुन पर थिरकते हुए गोमती तट की ओर बढ़ रहे थे।

आईटी चैराहे के समीप स्थित रामाधीन सिंह उत्सव भवन में श्रीगणेश प्राकट्य कमेटी के तत्वाधान में मनाये जा रहे श्रीगणेश उत्सव में रविवार को ग्यारवें दिन भगवान श्रीगणेश की भव्य शोभायात्रा निकाल कर विसर्जन का कार्यक्रम हुआ।
भगवान श्रीगणेश की भव्य शोभायात्रा रामाधीन सिंह उत्सव भवन से निकलकर आई टी चैराहा होते हुए श्रीरामकृष्ण मठ, शंकर नगर, नजीरगंज, डालीगंज होते हुए महाराज अग्रसेन घाट पहुँची जहाँ पूरे हर्षोल्लास और विधि विधान से भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को गोमती नदी के तट पर भूविसर्जन किया गया।

इस बीच पूरी शोभायात्रा के दौरान अबीर और गुलाल के रंगो की बरसात के बीच भक्त बैंड और डी.जे की धुन पर नृत्य करते रहें और गणपति बप्पा मोरया के उद्घोष लगाते रहें। जैसे-जैसे शोभायात्रा गन्तव्य की ओर बढ़ रही थी वैसे-वैसे शोभायात्रा में भक्तों की अपार भीड़ शामिल होती जा रही थी।

शोभायात्रा को देखकर लग रहा था कि मानो पूरा लखनऊ भगवान गणेश को विदाई देने उमड़ पड़ा हो। पूरे रास्ते भर भक्तों ने गणपति बप्पा मोरया के उद्घोष लगाकर भगवान गणेश के प्रति अपनी आस्था व्यक्त कर रहे थे। रास्ते भर भक्तों को मोदक का प्रसाद वितरण किया गया। शोभायात्रा देखकर लग रहा था मानो पूरा लखनऊ शोभायात्रा में चल रहा हो। शोभायात्रा में हर जाति सम्प्रदाय व पंथ के लोगों ने शिरकत की।

पूरी शोभायात्रा को सुसज्जित और सुन्दर बनाने के लिए श्रीगणेश प्राकट्य कमेटी की तरफ से काफी पुख्ता प्रबंध किये गय थे। करीब एक किलोमीटर लम्बी शोभायात्रा में भक्तों के नृत्य के लिए सबसे आगें तीन प्रकार के बैण्ड प्रबन्ध किया गया था जिसकी धुन पर पूरी शोभा यात्रा में भक्तों ने भगवान गजानन के चरणो में नृत्य किया।

फिर घोडों की बग्गीयो में विभिन्न भगवानों की बहुत ही मनोहर झाकियां सजायी गयी थी। बग्घियों के पीछे घोडों का कारवां था जिस पर विभिन्न रूप घारण कियें लोग बैठें हुए थें। सबसे अखिरी में श्रीगणेश प्राकट्य कमेटी के सदस्यो की देखरेख में मयूर के पंखों व विभिन्न प्रकार के फूलो से सजें रथ पर मनौतियों के राजा भगवान श्रीगणेश कर प्रतिमा रखी गयी थी। जिसें पूरे विधि विधान के साथ गोमती की धारा में विर्सजित किया गया।
गणपति की विदाई में खूब उड़े अबीर गुलाल
इससे पहले अपराहन 02 बजे निकली शोभायात्रा में भक्तों की आपार भीड थी जो पूरे रास्ते लगातार बढती ही गयी। शोभ यात्रा प्रमुख चैराहो पर रूकते हुए करीब 4 बजे अग्रसेन घाट पहुची। गणपति की विदाई में भक्तों ने खूब अबीर गुलाल भी उड़ाये। इस बीच भक्त पूरे जोश के साथ गणपत्ति बप्पा मोरया अगले वर्ष तो जल्दी आ का उद्घोष लगा रहें थें। पूरी शोभायात्रा के दौरान विभिन्न जगहो पर भगवान विध्नहर्ता भगवान श्रीगणेश के विभिन्न भक्तो ने प्रसाद वितरण कराया।