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शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बन्द

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शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बन्द
himalayan shrine of Kedarnath closes down the winter
himalayan shrine of Kedarnath closes down the winter
himalayan shrine of Kedarnath closes down the winter

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से आगामी छह माह तक के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद भोले बाबा की डोली ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई। अगले छह माह तक शीत काल में बाबा भोले की पूजा-अर्चना यहीं होगी।

प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत मंगलवार केदारनाथ के कपाट बन्द होने के अवसर पर केदारनाथ धाम पहुचे। लगभग 7:30 बजे मुख्यमंत्री केदारनाथ हैलीपैड पर पहुचे, जिसके बाद वह मंदिर में गए। कपाट बंद होने बाद मुख्यमंत्री ने डोली को अपने कंधे पर रखकर भोले बाबा को केदारनाथ धाम से विदा किया।

उन्होंने कहा की आपदा के बाद एक बार फिर केदारनाथ यात्रा पटरी पर लौटने लगी है और हमारा जो मकसद था वह पूरा हुआ। उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2017 में दोगनी संख्या मैं श्रद्धालु बाबा केदार के धाम आएंगे। इसके लिए सरकार और बेहतर ब्यवस्थाएं जुटाएगी।

रावत ने बताया कि इस बार तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओ ने बाबा केदार के दर्शन किये जो सरकार की एक बड़ी सफलता है। कहा की प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ सहित यात्रा से जुड़े सभी विभागों ने बेहतर कार्य किया और उसकी बदौलत आज केदारनाथ यात्रा फिर से पुराने स्वरूप् में दिखी है।

सीएम हरीश रावत ने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अगली यात्रा में वह और अधिक संख्या में बाबा केदार के दर्शनों को आएं। सरकार उन्हें हर बेहतर सुविधा मुहैया करवाएगी। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण को भी जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। साथ ही स्थानीय पुरोहितों और जनता की हर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब शीतकाल के छह माह तक सभी श्रद्धालु ओंकारेश्वर मंदिर में भोले बाबा के दर्शनों को आएं और पुण्य अर्जित करें।

डोली विदाई के बाद सीएम हरीश रावत कुछ समय तक केदारनाथ में रुके और लोगों से मिले। उन्होंने निर्माण कार्यो का भी जायज लिया। इस अवसर पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती, हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, जिलाधिकारी डॉ राघव लांगर, पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा समेत भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।