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जम्मू कश्मीर चुनाव : लोकप्रिय नेता नजरअंदाज

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jammu kashmir assembly polls : bjp drops many sitting MLA’s

जम्मू। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों  में मिशन 44 प्लस का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी ने कुछ एेसे दावेदारों का भी टिकट काट दिया है जो पार्टी की आेर से कराए गए सर्वेक्षण में सबसे आगे थे।…

इसके अलावा पार्टी ने सभी मौजूदा दागी विधायकों का पत्ता भी काट दिया है जिससे पार्टी में अंदर – अंदर विद्रोह का ज्वालामुखी धधक रहा है। टिकट वितरण से पार्टी का अंतर्कलह और गुटबाजी सतह पर आ गई है। टिकट न मिलने से नाराज नेता खुलेआम एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं।

कुछ ने 66 साल पुराना नाता तोड़ दिया और कुछ अन्य ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान मे उतरने का एेलान कर दिया है। कुछ असंतुष्ट नेता मुखर हैं और कुछ अन्य मिशन 44 प्लस की हवा निकालने की तैयारी में है। हालांकि दागी विधायकों का टिकट कटने से आम जनता खासकर युवाओं में अच्छा संदेश गया है।

सूत्रों के अनुसार करीब एक माह पहले पार्टी द्वारा एक निजी कंपनी कराए गए सर्वेक्षण में जम्मूू पूर्व में राष्ट्रीय स्वयं संघ के प्रतिबद्ध युवा नेता युद्धवीर सेठी सबसे आगे थे और राजेश गुप्ता बहुत पीछे थे लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने सेठी को नजरअंदाज करके गुप्ता को टिकट दिया।

हालांकि सेठी ने किसी तरह की बगावत से इंकार कर दिया है लेकिन उनके समर्थकों में निराशा है। अपने प्रिय नेता का नाम सूची में न पाकर उन्होंने तीन नवंबर को पार्टी कार्यालय पर जमकर हंगामा किया था। सेठी के समर्थकों का आरोप था कि पार्टी के विधायक दल के नेता अशोक खजूरिया ने राजनीतिक साजिश करके उनके नेता का नाम कटवा दिया।

राजौरी विधानसभा सीट से नेशनल कांफ्रेंस छोड़कर हाल में भाजपा का दामन थामने वाले चौधरी तालिब हुसैन को टिकट देने से नाराज भाजपा के जिला प्रभारी योगेश शर्मा ने कई नेताओं के साथ पार्टी छोड़ दी है। ऊधमपुर से विधायक रहे लाला शिवचरण गुप्ता के पुत्र एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन गुुप्ता ने भी पार्टी छोडऩे की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही गुप्ता के परिवार का जनसंघ से 65 साल पुराना रिश्ता टूट गया।

गुप्ता ने  अपना टिकट कटने के लिए प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को जिम्मेदार ठहराया। गुप्ता ने शर्मा पर आरोप लगाया कि इस सीट पर पैंथर्स पार्टी के साथ समझौते की क ोशिश की जा रही थी जब यह कोशिश नाकाम हो गई तो पैंथर्स पार्टी को परोक्षरूप से समर्थन देने के लिए उनका टिकट काटा गया।

गुप्ता ने कहा कि अब तक वह मिशन 44 प्लस के लिए काम कर रहे थे अब वह इस मिशन को 4 प्लस 4 में तब्दील करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी की लहर पर सवार होकर जीत का सपना देख रहे प्रत्याशियों को ऊधमपुर में इस जादू की असलियत का पता लग जाएगा।

बनी से पार्टी विधायक लालचंद ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने की घोषणा की है। इनके अलावा रियासी से विधायक बलदेव राज, आर एस पुरा के प्रोफेसर गुरू राम, रायपुर दोमाना के भारत भूषण और बसोहली से जगदीश राज सपोलिया भी टिकट न देने के पार्टी के फैसले के खिलाफ मुखर हैं।

इन सभी नेताओं ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम किया था। विधानसभा चुनावों मे वे पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाएंगे यह तो आने वाला समय बताएगा। इस बीच जम्मू कश्मीर के प्रभारी केन्द्रीय नेता अविनाश राय खन्ना का दावा है कि पार्टी में कोई विद्रोह है।

डोडा सीट से भारतीय जनता पार्टी के शक्ति परिहार तथा नेशनल कांफ्रेंस के खालिद नजीब सौरावर्दी ने, इंद्रबल में कांग्रेस के पूर्व मंत्री गुलाम मुहम्मद रूरी और बहुजन समाज पार्टी के ज्योति प्रकाश, किश्तवाड से कांग्रेस के नेकराम मन्हास और बसपा के देसराज भगत ने नामांकन पत्र भरा है। भद्रवाह में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवारांे ने नामांकन भर दिया है।

यहां से भाजपा के दिलीप सिंह परिहार, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के शेख महमूद इकबाल, पैथर्स पार्टी के नीरज मन्हास और बसपा के संजय भगत ने पर्चा भरा है।

जम्मू की इन छह सीटों के अलावा गुरेज, बांदीपोरा, सोनवारी, कंगन, गांदेरबल, नोबरा, लेह, कारगिल और जंस्कर सीटों के लिए 28 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हुई थी। नामांकन पत्रों की जांच का काम सात नवंबर को होगा तथा नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 10 नवंबर है। इन सभी सीटों पर 25 नवबंर को मतदान होगा जबकि मतगणना 23 दिसंबर को होगी।

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