Home India City News धन गड़े होने की अफवाह से खोद डाला मंदिर!

धन गड़े होने की अफवाह से खोद डाला मंदिर!

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धन गड़े होने की अफवाह से खोद डाला मंदिर!
money suspected to be buried in the temple dug in jhunjhunu
money suspected to be buried in the temple dug in jhunjhunu
money suspected to be buried in the temple dug in jhunjhunu

झुंझुनू। बनवास गांव में पहाड़ी के बीच में बने भैंरोजी के मंदिर के नीचे धन गड़े होने की अफवाह पर मंदिर में स्थापित पत्थर की मूर्तियों को अज्ञात चोरों ने चार फुट गड्ढा खोदकर उखाड़ दी व एक मूर्ति को भी अपने साथ ले गए।

ग्रामीणों को जब मूर्ति खंडित होने की सूचना मिलने पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि रविवार को पूजा करने आया तो भैंरोजी की मूर्तियां नहीं थी।

मूर्तियों की जगह करीब चार फुट गहरा गड्ढा खोदा हुआ था। एक भैंरोजी की मूर्ति भी पास में पड़ी हुई थी। मूर्ति के पास में ही एक मटके के टुकड़े भी पड़े हुए थे। साथ ही बताया कि मूर्ति तो पत्थर की ही थी। लेकिन गड़े हुए धन के लालच में मंदिर को खोदा गया है।

मंदिर से चोरी की सूचना पर माकड़ो पंचायत सरपंच सुरेंद्र जाखड़ ने मौके पर पहुंच कर पुलिस को सूचना दी। खेतड़ीनगर थानाधिकारी सतीशकुमार मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का मौका मुआयना किया व लोगों से जानकारी इकट्ठा की।

एसएचओ ने उड़ रही धन गड़े की अफवाहों की भी जांच करने की बात कही। इस मौके पर सरदाराराम, सिंहराम, रमेशचंद, भोमाराम, महेंद्र, दिनेश, विद्याधर, भाताराम, शेरसिंह, छोटेलाल सहित अनेक ग्रामीण मौके पर मौजूद थे।


बनवास के रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि करीब 200 साल पहले मंदिर के पड़ौस में बस्ती हुआ करती थी जो कि खंडहर में तब्दील हो गई खंडहरों के अवशेष अभी भी पड़े हैं।यहां यह अफवाह भी उड़ी हुई हैं।

बस्ती जब उजड़ी उनका धन यहां दबा हुआ हैं। यदा कदा  इस एरिया में चांदी के सिक्के व पुरानी चीजें भी मिलती हैं।लोग जब मकानों की बनाते समय नींव की खुदाई में भी मिट्टी के घड़े व कलश मिलते हैं।

इसलिए पहले भी रात को खुदाई करने की आवाजे आती थी। सुबह कई जगह गड्ढे मिलते थे। उन्होंने यह भी बताया की जब बच्चे खेलने आते थे। उनको भी कई बार चांदी के पुराने सिक्के मिलते थे। भैंरोजी की मूर्तियों को तो पहली बार खोदा गया।पड़ौस में गड्ढे जरूर कई बार खुदे हुए मिलते थे।


बनवास के भैंरोजी मंदिर पर कई गांवों की आस्था थी खरखड़ा ,जसरापुर, थली, इश्कपुरा, डूमोली भोदन सहित कई गांवों के लोग जात जड़ूले करने आते थे। शादी के बाद  नवविवाहिता को भी इसी मंदिर में धोक लगवाने लाते हैं।