Home Gujarat Ahmedabad गरीबी दूर करने में हो विज्ञान व तकनीक का प्रयोग : पीएम मोदी

गरीबी दूर करने में हो विज्ञान व तकनीक का प्रयोग : पीएम मोदी

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गरीबी दूर करने में हो विज्ञान व तकनीक का प्रयोग : पीएम मोदी
PM modi addresses at Inauguration of Nobel Prize Series Exhibition at Science City in ahmedabad
PM modi addresses at Inauguration of Nobel Prize Series Exhibition at Science City in ahmedabad
PM modi addresses at Inauguration of Nobel Prize Series Exhibition at Science City in ahmedabad

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने तथा इसके माध्यम से गरीबों की मदद करने की अपील की।

दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने नोबेल पुरस्कार प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और इस दौरान उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक का धन्यवाद.. इससे मानव जाति फल-फूल रही है। बड़े पैमाने पर लोग विज्ञान के आयामों के माध्यम से जीवन में लाभ ले रहे हैं।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में शामिल होने के लिए गुजरात दौर पर हैं। यहां गांधीनगर में पीएम ने नॉबेल पुरस्कार प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी का मुख्य आशय प्रौद्योगिकी के विकास और इसकी प्रेरणा के लिए योगदान करने से है।

प्रदर्शनी का आयोजन नॉबेल मीडिया एबी (स्वीडन), भारत सरकार (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय) और गुजरात सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री विजय रूपानी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी मौजूद रहे।

इस दौरान करीब नौ नॉबेल पुरस्कार विजेताओं की उपस्थिति में पीएम मोदी ने विद्यार्थियों से कहा कि देश के सामने गरीबी का सामना करने की बड़ी परेशानी है। गरीबी की वैश्विक चुनौती के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग इसकी रोकथाम के लिए बहुत मददगार होगा। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार विज्ञान के क्षेत्र में सेमिनार एवं अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तवज्जों दे रही है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने उन्होंने गुजरात में ही अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक डॉक्टर वेंकटरमण रामकृष्ण का उल्लेख करते हुए कहा कि युवाओं को इन्हें प्रेरणा लेते हुए अपने भविष्य के विषय में मंथन करना चाहिए। वहीं, नरेंद्र मोदी ने नॉबेल विजेता वैज्ञानिकों डॉ. रिचर्ड जे रॉबर्टस (1993 मेडिसीन), डॉ. हारोल्ड वमरूस (1989 मेडिसीन), डॉ. डेविड जे. ग्रॉस (2004 भौतिकी), डॉ. सेर्जे हरोचे की संकल्पना और सोच का भी जिक्र किया।