Home India City News दुराचार के आरोपी पूर्व पादरी को बचाने में लगी पुलिस

दुराचार के आरोपी पूर्व पादरी को बचाने में लगी पुलिस

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दुराचार के आरोपी पूर्व पादरी को बचाने में लगी पुलिस
saharanpur minor gangrape case
saharanpur minor gangrape case
saharanpur minor gangrape case

सहारनपुर। दुराचार के मामले में आरोपी पूर्व पादरी को पुलिस प्रशासन बार-बार विवेचना अधिकारी बदलकर बचाने में लगा है। यह सब खेल राजनीतिक दबाव से किया जा रहा है। इसका खुलासा विभिन्न सामाजिक महिला संगठनों द्वारा डीआईजी को सौंपे गये शिकायती पत्र में किया गया है।
सर्वोदय कल्याण समिति की प्रभारी माया शर्मा एडवोकेट, उज्जवल ट्रस्ट की प्रभारी संतोष चैारी, सचिव सरोज रानी, अमन संगठन की किरण चोपडा एडवोकेट, रेखा कश्यप एडवोकेट, आशा सिंह, उमा बर्मन, सरोज जाटव, नूरिया मिर्जा, रोशनी सिंह, संतोष देवी, मिथलेश त्रिपाठी, गरिमा चैारी व वादनी रुखसाना आदि द्वारा हस्ताक्षरित डीआईजी को सौंपा।

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि सदर कोतवाली सहारनपुर पर दर्ज 312/14 अंतर्गत धारा 376 घ, 366 ए तथा पक्सो एक्ट की विवेचना महिला थाना सहारनपुर की प्रभारी सरिता त्यागी द्वारा की जा रही है, जिसे आपके द्वारा मजुफ्फरनगर स्थानान्तरित किये जाने के आदेश दिये गये है, जो न्यायसंगत कार्यवाही नहीं है बल्कि राजनैतिक दबाव के कारण अभियुक्तों को बचाने का एक षडयंत्र प्रतीत हो रहा है।

महिला संगठन इसका घोर विरोध करते है तथा न्यायहित में इसे अविलम्ब रोके जाने का अनुरोध करते है। महिला संगठनों द्वारा डीआईजी को दिए गये प्रार्थना पत्र में कहा गया कि दुष्कर्म के इस गंभीर मामले में न्याय पाने के लिए वादनी रुखसाना पिछले लम्बे समय से भटक रही है जबकि पुलिस द्वारा अभियुक्तों के इशारे पर मनमाने तरीके से पांच विवेचक बदले जा चुके है जबकि वादनी द्वारा कभी भी विवेचना बदलने का अनुरोध या विरोध नहीं किया।

पत्र में कहा गया कि खेद का विषय है कि जब वर्तमान एसएसपी तथा विवेचनाािकारी महिला थाना प्रभारी ने दूध का दूध और पानी का पानी कर निष्पक्ष कार्यवाही करते हुए मुख्य अभियुक्त चर्च के पूर्व पादरी डेविड जनसन को जेल भेजकर, सह अभियुक्त उसके पुत्र जय जानसन जिसके 9 जनवरी 2015 से गिरफ्फ्तारी वारन्ट न्यायालय से जारी है के खिलाफ कुर्की वारन्ट लेने तथा तीन अभियुक्त बिट्टू, पाटी, खान को तस्दीक करने की कार्यवाही प्रारम्भ की।

जिससे पीडिता नाबालिग को न्याय की उम्मीद जगी तो ऐसे में जांच और विवेचना अन्यत्र स्थानान्तरित करने का क्या औचित्य है? क्या यह राजनैतिक दबाव में गम्भीर अपराध के अभियुक्तों को बचाने का षडयंत्र नहीं है। पत्र में कहा गया कि मुख्य अभियुक्त चर्च के पूर्व पादरी डेविड जनसन की जमानत याचिका सत्र न्यायालय से खारिज हो चुकी है।

जय जानसन के खिलाफ धारा 82 की कार्यवाही चल रही है जिससे जांच और विवेचना बदलने से मुकदमें की कार्यवाही पर प्रभाव पडेगा तथा अभियुक्तों को इसका लाभ मिलेगा। डीआईजी को सौंपे गये पत्र में उक्त मुकदमें की विवेचना महिला थाना प्रभारी से न बलने जाने की मांग की गई। पत्र में डीआईजी से विवेचना स्थानान्तरण के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई।