Home Bihar बकरे की बलि प्रथा बंद करने की प्रतिज्ञा लें : बाबा रामदेव

बकरे की बलि प्रथा बंद करने की प्रतिज्ञा लें : बाबा रामदेव

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बकरे की बलि प्रथा बंद करने की प्रतिज्ञा लें : बाबा रामदेव
stop the practice sacrificial goat : Baba Ramdev
stop the practice sacrificial goat : Baba Ramdev
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सुपौल। भारतीय सीमा से सटे सखरा छिन्न मस्ता भगवती शक्ति पीठ सप्तरी नेपाल के प्रांगण में शनिवार को योग गुरु स्वामी रामदेव अपने आचार्य बाल कृष्ण महाराज के साथ नागरिक अभिनन्दन समारोह में भाग लेने पहुंचे।

अभिनन्दन समारोह छिन्न मस्ता शक्ति पीठ लक्ष्य चंडी यज्ञ समिति सखरा नेपाल सप्तरी द्वारा आयोजित किया गया था। नागरिक अभिनन्दन समारोह को संबोधित करते हुए योग गुरु स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि हम सब भगवान के संतान हैं। भगवान, देवी-देवता प्रेम और प्यार के भूखे है, न की जानवर की बलि के।

उन्होंने कहा कि यह ऐतेहासिक पहल है आज से हम इस प्रांगण में प्रतिज्ञा करें कि हम बकरे की बलि प्रदान नहीं करेंगे। जिस प्रकार बच्चे घायल होते हैं और बच्चे के चोट लगे स्थान से निकलते रक्त से बच्चे की मां काफी दुखी होती हैं और उसे बर्दास्त नहीं करती है, ठीक उसी प्रकार सखरा मैया भी बलि प्रदान से खुश नहीं बल्कि दुखी होती है।

बाबा रामदेव ने मंदिर के पीठाधीश महाकांत ठाकुर को मंच पर दक्षिणा देकर मांस नहीं खाने और बलि प्रदान को बिलकुल बंद करने की बात की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि जब देवी देवता नहीं खाते, तो तुम क्यों? जो लोग ऐसा करने वाले है उसे समझाओ की बलि प्रदान बंद कर दिया गया है। पुनः स्वस्थ रहने के लिए योग को आधार के रुप में चुनो और स्वास्थ्य रहो।

मंच पर उन्होंने कई योग भी उपस्थित लोगों से करवाया। यह कहकर की योग करोगे, तो स्वस्थ रहोगे, भगवान के प्यारे रहोगे। उन्होंने सखरा में हो रहे लक्ष्य चंडी यज्ञ में एक लाख की मदद करने की भी बात कही। बाब रामदेव ने कहा कि पतंजलि से बने सामान निरोग है, उसका सेवन करें और रोग को भगायें। यही जीवन है इसे शांत से जियें और जीने दें।

मौके पर उपस्थित आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि मंदिर के चारों ओर फूलों से सुसज्जित दुकाने मां के प्रांगण शोभायमान लगती है। यहां बकरे को काटना शोभा नहीं बल्कि फूल से सुसज्जित होना शोभायमान है। हम इस बलि की प्रथा को अविलंब बंद करें।