Home UP Allahabad मकर संक्रांति पर 75 लाख श्रद्धालुओं ने प्रयाग में लगाई डुबकी

मकर संक्रांति पर 75 लाख श्रद्धालुओं ने प्रयाग में लगाई डुबकी

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मकर संक्रांति पर 75 लाख श्रद्धालुओं ने प्रयाग में लगाई डुबकी
thousands devotees take holy dip in sangam on Makar Sankranti
thousands  devotees take holy dip in sangam on Makar Sankranti
thousands devotees take holy dip in sangam on Makar Sankranti

इलाहाबाद। ‘माघ मकर गत रवि जब होई, तीरथ पतिहि आव सब कोई।’ तीर्थराज प्रयाग में गलन के बावजूद शनिवार को भोर से ही मकर संक्रांति का स्नान शुरू हो गया।

शाम तक 75 लाख श्रद्धालु संगम समेत अन्य स्नान घाटों पर आस्था की डुबकी लगा चुके थे और 105 बिछुड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाया गया। मौसम अनुकूल होने पर आज भोर से ही श्रद्धालुओं का रेला संगम की तरफ उमड़ पड़ा।

हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ स्नानार्थी संगम समेत अन्य घाटों पर गंगा में पूण्य की डुबकी लगा रहे हैं और तिल व खिचड़ी का दान कर पुण्य का लाभ ले रहे हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर मेला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर शुक्रवार की देर रात से ही वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया, जो कल रात तक जारी रहेगा। पहली बार स्नान घाटों पर कैमरा प्रतिबंधित कर दिया गया है।

मेला अधिकारी आशीष कुमार मिश्र ने बताया कि महिलाओं की निजता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ये पाबंदी लगाई है। यदि कहीं कोई स्नान घाटों पर फोटो खींचते पाया गया तो कैमरा व मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा। दूसरे प्रमुख स्नान पर तमाम साधु संतों ने भी संगम और अन्य गंगा के घाटों पर स्नान किया।

रात में दो बजे से ही संगम नोज पर अपने मातहत अधिकारियों के साथ डटे डीएम संजय कुमार पल पल की मॉनीटरिंग करते रहे। घाटों पर स्नानार्थियों की व्यवस्था से लेकर गंगा में पानी के रंग और गहराई तक, चोर उचक्कों की निगरानी प्रशासन की ओर से की जाती रही।

सुबह से ही सूरज की किरणों ने संगम की रेती में जो चमक और गर्मी बिखेरी कि श्रद्धालुओं का रेला संगम स्नान के लिए निकल पड़ा। स्नान बाद लोगों ने तीर्थ पुरोहितों को खिचड़ी, तिल का लड्डू फल एवं दक्षिणा भी दी। भिखारियों को चावल और मूंग की दाल की खिचड़ी देकर पुण्य कमाया।

संगम क्षेत्र समेत कुल 17 स्नान घाट बनाए गए हैं। जिनमें संगम नोज, संगम माउथ, वीआईपी घाट, रामघाट, दशाश्वमेघ घाट, नागवासुकी घाट, सरस्वती घाट, बलुआघाट, अरैल घाट, झूंसी एवं छतनाग घाट प्रमुख है।

माघ मेले में आने जाने का मार्ग अलग कर दिया गया। पुलिस ने जगह जगह बैरिकेडिंग कर साइकिल से लेकर सभी प्रकार के वाहनों को रोक दिया था। भारी मॉल वाहकों का नगर क्षेत्र की सीमा में 11 जनवरी को भोर में 5 बजे से ही प्रतिबंध लगा दिया गया, जो 15 जनवरी तक लागू रहेगा।

मेले में आने वाले सभी प्रकार के वाहनों के लिए परेड मैदान में स्टैंड बनाए गए। पुलिस, पीएसी, आरएएफ, बीएसफ की कंपनी मेले के चप्पे चप्पे पर एलर्ट रही। आरएएफ के कमांडेंट दिनेश सिंह चन्देल भी शनिवार को फोर्स के साथ मेले में डटे रहे। उन्होंने डीएम के साथ मेला क्षेत्र का भ्रमण किया।

तिल, गुड़, खिचड़ी का दान दिलाता है रोग-दोष से मुक्ति

गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में इस चौपाई का अर्थ माघ मास की द्वितीया के दिन सूर्य राशि परिवर्तन कर मकर राशि में प्रवेश से है। आज से ही दक्षिणायन के सूर्य उत्तरायण होते हैं।

भारतीय विद्या भवन के प्राचार्य एवं ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शनिवार को दोपहर में एक बजकर चौंतीस मिनट पर मकर संक्रांति लगी। संक्रांति के काल में गंगा में स्नान के साथ तिल एवं गुड़ से बने लड्डू, चावल दाल की खिचड़ी, द्रव्य आदि का दान तमाम तरह के रोग दोष से मुक्ति दिलाता है।

पूरे मेला क्षेत्र में जगह-जगह खिचड़ी का प्रसाद भी बंट रहा है। विभिन्न संत-महात्माओं व शंकराचार्यों के शिविर में चल रहीं रास-लीलाएं श्रद्धालुओं को खासा आकर्षित कर रहीं हैं।

स्नान घाटों पर सक्रिय रहे चोर, उचक्के

श्रद्धा के साथ साथ गंगा एवं संगम स्नान घाटों पर चोर उचक्कों का गिरोह भी आज खूब सक्रिय रहा। स्नानार्थियों के कपड़े, बैग उड़ाने की कई घटनाएं मकर के स्नान में हुईं। मूलरूप से रीवां मध्य प्रदेश के रहने वाले दंपती हिंछलाल मिश्रा सपरिवार नागपुर से गंगा स्नान को आए थे, भोर में ही स्नान के दौरान संगम में चोरों के शिकार हो गए। चोरों ने उनका पैंट एवं बैग संगम नोज के घाट से उड़ा दिया।

पर्स में तीस हजार रूपए, कागजात, एटीएम कार्ड, पैन एवं आधार कार्ड थे। उन्होंने संगम थाने में इसकी सूचना दर्ज कराई है। इस दौरान घाटों पर संदिग्ध हालत में घूम रहे एक दर्जन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। जिसमें चार महिलाएं भी शामिल हैं।

हनुमानजी का दर्शन करने को लगी कतार

शनिवार होने की वजह से संगम स्नान के बाद लोगों ने बंधवा के लेटे हनुमान जी का दर्शन करने पहुंच गये। जिससे मंदिर में भी लंबी कतार लग गई। हनुमान जी को लड्डू, तुलसी दल एवं फल फूल चढ़ाया और अपनी जरूरतों के मुताबिक प्रार्थना भी की। उसके बाद सब अपने गंतव्य की ओर निकल गए।