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रेल्वे बोर्ड : भर्ती होने आए युवक-युवती भी फर्जीवाड़े में शामिल

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रेल्वे बोर्ड  : भर्ती होने आए युवक-युवती भी फर्जीवाड़े में शामिल
udaipur : Railway recruitment board exam fraud
udaipur : Railway recruitment board  exam  fraud
udaipur : Railway recruitment board exam fraud

उदयपुर। रेलवे की वाणिज्यिक लिपिक भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से प्रशिक्षण लेने के लिए आए 11 छात्र-छात्राएं भी इस फर्जीवाड़े में शामिल है। आरोपियों को पता होने के बाद भी गुप्त स्थान पर परीक्षाएं दी थी और मास्टर माइंड को लाखों रुपए दिए थे।

गौरतलब है कि रेलवे भर्ती बोर्ड के वाणिज्यिक क्लर्क (बुकी क्लर्क) के पेड ग्रेड 5200-20200+1900 ग्रेड पे पद की नियुक्ति से पूर्व क्षेत्रीय संस्थान उदयपुर में प्रशिक्षण के लिए 14 दिसम्बर से 22 दिसम्बर तक प्रवेश कराने के लिए अपने आपको दिल्ली का रेलवे विभाग का बड़ा अधिकारी बताते हुए एसके मिश्रा नामक एक व्यक्ति 11 छात्रों एवं छात्राओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

आरोपियों के पास मिले दस्तावेजों के आधार पर जांच की तो सामने आया कि आरोपियों के पास मिले सारे दस्तावेज फर्जी थे।

इस पर पुलिस ने इस गिरोह के सरगना रेलवे कॉलोनी डीआरएम ऑफिस नई दिल्ली मूलत: लखनऊ यूपी निवासी शिवकुमार (एसके) पुत्र रामलाल मिश्रा, कोटा में रेलवे गार्ड बजरंग नगर कोटा निवासी राजकुमार पुत्र तुलसीराम चोपरा और इसकी पुत्री जिसको वह फर्जी तरीके से प्रशिक्षण दिलाने लाया यशा चोपरा, तिरूपति नगर धार एमपी निवासी सनी पुत्र रमेशचंद्र कपूर, बजरंग नगर पुलिस लाईन कोटा निवासी हितेश कुमार पुत्र कृष्ण मुरारी मीणा, विवेक कुमार पुत्र देवीलाल, अम्बेडकर कॉलोनी कुन्हाड़ी कोटा निवासी लोकेश कुमार पुत्र रामेश्वर मीणा, मोहन कॉलोनी नन्दपुरी सोडाला जयपुर निवासी अनूप पुत्र योगेन्द्र मल्होत्रा, अमरपुरा लादूखेड़ा खेरागढ़ आगरा यूपी निवासी गजेन्द्रसिंह पुत्र देवीप्रसाद, प्रकाशनगर भूतेश्वर मथुरा यूपी निवासी गषभ कुमार पुत्र किशनलाल, श्रीराम नगर कालवाड़ा रोड जोटवाड़ा जयपुर निवासी नीरज पुत्र मोहनलाल लवानिया, नाटानियो का रास्ता मोदीखाना ब्रह्मपुरी जयपुर निवासी पूजा पत्नी मनीष दुबे और मुण्डगसा आरसी का खेड़ा हिंडोली बूंदी निवासी स्वतंत्र पुत्र रामरतन यादव को गिरफ्तार किया था।

आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने रेलवे की इस भर्ती के लिए एसके मिश्रा को लाखों रुपए दिए थे। इन सभी अभ्यार्थियों को फर्जीवाड़े का पता होने के बाद भी आरोपियों ने गुपचुप तरीके से परीक्षा दी थी और पैसे दिए थे। पुलिस आरोपियों के दस्तावेजों की जांच कर रही है। आरोपियों को रिमाण्ड पर लिया जाएगा और पुराने मामले की जांच की जाएगी।