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अयोध्या में शिलापूजन के बाद गरमाई राजनीति

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अयोध्या में शिलापूजन के बाद गरमाई राजनीति
UP govt seeks intel report after stone laden trucks arrive in Ayodhya
UP govt seeks intel report after stone laden trucks arrive in  Ayodhya
UP govt seeks intel report after stone laden trucks arrive in Ayodhya

अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के प्रस्तावित राम मंदिर माॅडल के अनुरूप पत्थरों को तराशने का काम यूं तो कई वर्षों से चल रहा है लेकिन वहां से अयोध्या पहुंची पत्थरों की पहली खेप ने उप्र में सियासी हलचल पैदा कर दी है।

विहिप की ओर से रविवार को अयोध्या में राजस्थान से आईशिलाओं का पूजन कराया गया जिसके बाद अब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी और विहिप पर सूबे का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है।

पत्थरों की तराशी को लेकर स्थापित रामजन्मभूमि कार्यशाला में रविवार को राजस्थान के भरतपुर से करीब 15 टन पत्थरों की पहली खेप पहुंची है।

अयोध्या में विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि एक लाख घनफुट पत्थरों से प्रस्तावित माडल के प्रथम तल का निर्माण पूरा हो गया है। अभी 75 हजार घनफुट पत्थरों की और आवश्यकता है जिन्हें यहां लाया जाना है।

शर्मा ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। पत्थरों को तराशने का काम कई वर्षों से चल रहा है। पत्थरों को राम मंदिर निर्माण में लगाया जाएगा इसीलिए इसे यहां लाया गया है। इसको लेकर किसी तरह की राजनीति नही होनी चाहिए।

इस बीच, फैजाबाद से सपा के विधायक और उप्र सरकार में मंत्री तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय ने विहिप और भाजपा पर राम मंदिर निर्माण के नाम पर सूबे का माहौल खराब करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि पत्थरों के शिलापूजन के नाम पर प्रदेश का माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही है। चैरासी कोसी परिक्रमा के नाम पर पहले भी ऐसा करने की कोशिश की जा चुकी है। लेकिन अखिलेश सरकार माहौल बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटेगी।

इधर, उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी इस मुददे को लेकर सपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उप्र में सपा की सरकार है और उसकी यह जिम्मेदारी बनती है कि अयोध्या में कानून व्यवस्था न बिगड़ने पाए।

राम मंदिर निर्माण का मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में है, लिहाजा उप्र सरकार को वहां होने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।

गौरतलब है कि अयोध्या के रामसेवकपुरम स्थित कार्यशाला में पत्थरों की पहली खेप पहुंचने पर रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने रविवार को वैदिक मंत्रोच्चर के बीच शिला पूजन किया था।

इस मौके पर उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही मामले का हल हो जाएगा और मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा। मामला भले सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन कोर्ट भी जनभावनाओं का अनादर नहीं करती है।

उन्होंने कहा कि पहले शिलापूजन के बाद गुलामी का ढांचा ढह गया था और अब दूसरे शिलापूजन से निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार को समय देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के पास बहुत से कार्य हैं लेकिन वह हिन्दू जन भावना के विपरीत नहीं है।

इस बीच भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पत्थरों को तराशने का काम काफी पहले से चल रहा है। अयोध्या में कोई ऐसा काम नही हो रहा है जिससे सूबे का माहौल बिगड़ने की आशंका जतायी जा रही है। इस मुददे को जानबूझकर तूल दिया जा रहा है।