हमारे लोकतंत्र, हमारी संस्थाओं को कलंकित करने की छूट किसी को नहीं : जगदीप धनखड़

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि भारत जैसी विशाल लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर समय कोई न कोई मुद्दा जरूर होगा, लेकिन किसी को देश में काम कर रही लोकतांत्रिक प्रणाली, हमारी संस्थाओं और संसद को ‘दूषित और कलंकित करने और उसे क्षति पहुंचाने की छूट नहीं दी जा सकती।

धनखड़ ने उनसे मिलने आए भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 76वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के समूह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने भारत की तीव्र प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि जब आज इस तरह की वृद्धि कर रहे हैं तो चुनौतियां आती हैं,ये चुनौतियां अंदर और बाहर दोनों तरफ से आती हैं। हमें उन चुनौतियों से निपटना होगा।

उन्होंने कहा कि एक प्रतिबद्ध राष्ट्रवादी भारतीय के रूप में हाम किसी को भारत में काम कर रही लोकतांत्रिक व्यवस्था, हमारी संस्थाओं हमारी संसद को दूषित, कलंकित और क्षतिग्रस्त करने की छूट नहीं दे सकते। धनखड़ ने यह बात ऐसे समय कही जब कि भारत के लोकतंत्र के बारे में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान को लेकर संसद के दोनों सदनों में आज हंगामें के कारण काम नहीं हो सका।

उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका बिजली की गति से काम करती है। भारत का उच्चतम न्यायालय सबसे अच्छा न्यायालय है और उसमें प्रतिभा के वरदान प्राप्त लोग काम करते हैं। ऐसी न्यायपालिका और कहीं नहीं है।

उन्होंने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच मुद्दे बने रहेंगे क्योंकि हम एक गतिशील समाज का अंग हैं। इन मुद्दों का समाधान भी होना है। इन संस्थाओं के शीर्ष पर बैठे लोग शिकायतकर्ता की भूमिका में नहीं हो सकते। हमें समाधान में सहभागी होना होगा। हम रास्ता प्रतिक्रिया और प्रतिद्वंद्विता का रास्ता नहीं अपना सकते हैं। हमें समाधान का रास्ता चुनना होगा। हमें समाधान निकालना होगा।

धनखड़ ने कहा कि भारत आज दुनिया में सबसे तेज गति से प्रगति कर रहा है और उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी तथा प्रबंध संस्थानों (आईआईटी और आईआईएम) के दौरों में अनुभव किया है कि यह प्रगति भारत के युवाओं के बल-बुद्धि और उनकी प्रतिबद्धताओं से संभव हुई है। अनाज पर अमेरिका से आयात पर निर्भरता तथा अनाज बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री ने जनता से सप्ताह में एक दिन उपवास रखने की अपील की थी, लेकिन आज अप्रैल 2020 से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कभी सांसदों को साल में 50 गैस कनेक्शन के कूपन बांटने को मिलते थे, आज प्रधानमंत्री ने निर्धन लोगों को 15 करोड़ से अधिक कनेक्शन वितरित करवा दिए हैं।

उपराष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को अपने संबोधन के प्रारंभ में कहा कि हम ऐसे समय मिल रहे हैं जब कि हमारा भारत अपनी स्वाधीनता के अमृतकाल में है। हमारा एक बड़ा सपना है। हमारे सामने उपस्थित (आप लोग) 2047 के योद्धाओं में हैं। आप इस महान राष्ट्र के प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ हैं और इसमें मुझे कोई शक नहीं है कि आप देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।