जयपुर। राजस्थान में राज्य सरकार के विधि एवं विधिक कार्य विभाग ने सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि किसी सरकारी अधिकारी द्वारा प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए वसूली आदेश जारी किया गया तो उन्हें न केवल विभागीय दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा, बल्कि अदालत द्वारा लगाए गए मुकदमे का खर्च और हर्जाना भी उस अधिकारी से वसूल किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि इस संदर्भ में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने परिपत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि भविष्य में कोई भी अधिकारी न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना करता पाया गया, तो उससे स्पष्टीकरण मांगकर उसके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई और वसूली की जाएगी।
सूत्रोें ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को पहले ही सात अक्टूबर 2024 को सख्त निर्देश जारी किए गए थे कि बिना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किए किसी भी प्रकार के वसूली आदेश जारी न किए जाएं। बावजूद इसके, न्यायालय में ऐसी कई याचिकाएं लंबित हैं जिनमें अधिकारी इन आदेशों का उल्लंघन करते पाए गए हैं। इससे न केवल सरकारी खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ा है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया का भी दुरुपयोग हुआ है।