मोतिहारी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के मोतिहारी में राज्य की सड़क, रेल, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी 7200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है।
मोदी ने शुक्रवार को यहां आयोजित समारोह में सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-319 के आरा बाईपास के 4-लेन निर्माण की आधारशिला रखी। यह आरा-मोहनिया राष्ट्रीय राजमार्ग-319 और पटना-बक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग-922 को जोड़ता है, जिससे निर्बाध संपर्क सुनिश्चित होगा और यात्रा का समय कम होगा। प्रधानमंत्री ने 820 करोड़ रुपए से अधिक लागत की राष्ट्रीय राजमार्ग-319 के पररिया से मोहनिया खंड के 4-लेन का भी उद्घाटन किया।
यह राष्ट्रीय राजमार्ग-319 का ही एक हिस्सा है जो आरा शहर को राष्ट्रीय राजमार्ग-02 (स्वर्णिम चतुर्भुज) से जोड़ता है। इससे माल और यात्री यातायात में सुधार होगा। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग-333 सी पर सरवन से चकाई तक पक्की सड़क के साथ 2-लेन का निर्माण की आधारशिला रखी। इसके राजमार्ग के बनने पर माल और लोगों की आवाजाही सुगम होगी और बिहार और झारखंड के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेगा।
प्रधानमंत्री ने दरभंगा में भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (एसटीपीआई) सुविधा और आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम उद्योग और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए पटना में निर्मित एसटीपीआई की अत्याधुनिक इनक्यूबेशन केंद्र का उद्घाटन किया। यह केद्र आईटी सॉफ्टवेयर और सेवा निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह नवोदित उद्यमियों के लिए तकनीकी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण भी करेगा, नवाचार, आईपीआर और उत्पाद विकास को प्रोत्साहित करेगा।
बिहार में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में श्री मोदी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत स्वीकृत मत्स्य विकास परियोजनाओं की एक श्रृंखला का उद्घाटन किया। यह राज्य के विभिन्न जिलों में नई मछली हैचरी, बायोफ्लोक इकाइयों, सजावटी मछली पालन, एकीकृत जलीय कृषि इकाइयों और मछली चारा मिलों सहित आधुनिक मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री ने राजेंद्र नगर टर्मिनल (पटना) से नयी दिल्ली, बापूधाम मोतिहारी से दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल), दरभंगा से लखनऊ (गोमती नगर) और मालदा टाउन से भागलपुर होते हुए लखनऊ (गोमती नगर) के बीच चार नई अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत बिहार में लगभग 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपये की सौगात दी। इसमें महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर विशेष ध्यान देते हुए, 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जोड़ा गया है।
कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पूरी की गयी कई रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इसमें समस्तीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग शामिल है। वहीं 580 करोड़ रुपए की लागत से तैयार दरभंगा-थलवारा और समस्तीपुर-रामभद्रपुर रेल लाइन का दोहरीकरण,जो दरभंगा-समस्तीपुर दोहरीकरण परियोजना का हिस्सा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कई रेल परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया, जिनमें पाटलिपुत्र में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव हेतु बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। भटनी-छपरा ग्रामीण रेल लाइन (114 किमी) पर स्वचालित सिग्नलिंग और 232 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले भटनी-छपरा ग्रामीण खंड में कर्षण प्रणाली का उन्नयन करना शामिल भी है। कर्षण प्रणाली के बुनियादी ढांचे को मज़बूत और ऊर्जा दक्षता को अनुकूलित करके ट्रेनों की गति बढ़ाई जाएगी। उन्होंने लगभग 4,080 करोड़ रुपए की लागत वाली दरभंगा-नरकटियागंज रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना भी शिलान्यास किया।
पाटलिपुत्र कोचिंग कॉम्प्लेक्स में 283 करोड़ रुपए की लागत से वंदे भारत के रखरखाव केंद्र बनेगा। यहां वंदे भारत ट्रेनों के रोजाना रखरखाव के लिए अलग अलग प्रकार की पांच लाइनें बनायी जाएंगी। इसके निर्माण का टेंडर हो चुका है।
मोदी ने 53 करोड़ रुपए की लागत से तैयार समस्तीपुर-बछवारा के बीच स्वचालित सिग्नलिंग सिस्टम को राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही भटनी से छपरा (114 के एम पार्ट ऑटोमेटिक सिगनलिंग गोरखपुर कैंट्ट-छपरा ग्रामीण रेल सेक्शन के बीच) के बीच 153 करोड़ रुपए की लागत वाली ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम की शुरुआत की।