पानी पर पंजाब ओछी राजनीति न करे : नायब सैनी

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सोमवार को कहा कि पानी के मुददे पर पंजाब ओछी राजनीति कर रहा है।

सैनी ने आज कहा कि इससे पहले भी सतलुज यमुना संपर्क नहर(एसवाईएल) मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया और उच्चतम न्यायालय के फैसले को दर किनार किया। पानी प्राकृतिक स्त्रोत है और यह देश की धरोहर है। आज भी हरियाणा के हिस्से का पीने का पानी न देने पर मान सरकार ने पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया, जो अनैतिक है और भारतीय संघीय ढांचे के खिलाफ है।

मुख्यमंत्री आज हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव सिख समाज के दसो गुरूओं द्वारा दिखाए मार्ग के खिलाफ है। मान सरकार को गुरूओं के वचन को निभाना चाहिए और बिना शर्त पानी छोडना चाहिए। उन्होंने कहा कि काग्रेंस व आम आदमी पार्टी (आप) पार्टी इंडी गठबंधन का हिस्सा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बाबा साहिब के पवित्र सविधान का सम्मान करे। सविधान की पुस्तक गांव गांव लेकर घूमते है।

सैनी ने कहा कि पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव की हरियाणा मंत्रिमंडल ने घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि 1966 से पहले पंजाब व हरियाणा एक ही था। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान इस प्रकार की छोटी राजनीति छोडकर विकास की राजनीति को अपनाए और पंजाब के लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि पंजाब में जो भी राजनीतिक दल रहे हैं, पंजाब के लोगों ने एक-एक को जवाब दिया है।

सैनी ने मान-सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस प्रकार पंजाब के लोगों ने कांग्रेस को लाइन में खडा कर दिया उसी प्रकार आप को भी खडा कर देंगे।

आज पंजाब विधानसभा में भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को भंग करने के सम्बंध में पारित किए गए प्रस्ताव पर पुछे गए एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीबीएमबी लोकसभा से पारित एक स्वायत निकाय है और केंद्र सरकार के अधीन है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार न तो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मानता, न सविधान को मानता और भारतीर संघीय ढांचे की अवेहलना करता है। एक सिस्टम है उस पर देश चलता है। उन्होंने पंजाब के नेताओ से आग्रह किया है कि गुरूओं ने जो रास्ता दिखाया उस पर मान सरकार को चलना चाहिए।