दौराई स्टेशन यार्ड में एनडीआरएफ के साथ रेलवे का मॉक ड्रिल अभ्यास

अजमेर। दौराई स्टेशन यार्ड में नेशनल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फ़ोर्स (एनडीआरएफ) और स्टेट डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फ़ोर्स (एसडीआरएफ) के साथ गुरुवार को रेल दुर्घटना संबंधित मॉक ड्रिल अभ्यास का आयोजन किया गया। जिसके अन्तर्गत दौराई स्टेशन मास्टर से सुबह 9:12 बजे कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि गाड़ी संख्या 59602 मारवाड़ जंक्शन-अजमेर पैसेंजर ट्रेन के दो सामान्य श्रेणी के कोच पटरी से उतर गए हैं और एक दूसरे पर चढ़ कर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, साथ ही कई यात्री डिब्बों में फंसे होने की जानकारी मिली।

घटना की सूचना मिलने पर रेलवे के सूचना तंत्र द्वारा सभी संबंधित विभागों को सूचना दी गई। स्टेशन पर आपदा चेतावनी हेतु हूटर बजाया गया और दुर्घटना राहत गाड़ी को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया। मंडल रेल प्रबंधक राजू भूतड़ा, अपर मंडल रेल प्रबंधक विकास बूरा, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी स्वाति जैन, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक मिहिर देव सहित मंडल के उच्च रेल अधिकारी घटनास्थल पहुंचे और हालात का जायजा लिया और अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान एनडीआरएफ के द्वितीय कमान अधिकारी निशांत चौधरी तथा एसडीआरएफ की कमांडेंट उर्मिलाराज ने भी आवश्यक निर्देश प्रदान किए।

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक राजू भूतड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि रेल अधिकरिओं और कर्मचारियों व अन्य संबंधित विभागों की आपातकाल के समय सतर्कता को परखने के लिए संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। सभी विभागों के बीच उत्कृष्ट सामंजस्य देखा गया। प्रत्येक सदस्य ने सावधानीपूर्वक अपना कार्य किया और राहत व बचाव अभियान में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया।

इस घटना के फलस्वरूप किसी प्रकार से रेल यातायात बाधित नहीं हुआ। मॉक ड्रिल के माध्यम से कर्मचारियों की स्किल को परखा गया और प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। मॉक ड्रिल सफल रही। एनडीआरएफ एसडीआरएफ के अलावा रेल रक्षक दल, राजस्थान फायर सर्विस, नगर निगम व स्थानीय प्रशासन का भी विशेष योगदान रहा।

घटनाक्रम के अनुसार सूचना मिलते ही रेलवे के सभी सम्बंधित विभाग इंजीनियरिंग, वाणिज्य, यांत्रिक, विद्युत, परिचालन, सुरक्षा, मेडिकल, संकेत व दूर संचार सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी तुरंत हमारी आपदा प्रबंधन टीम सहित साइट पर पहुंच गए और राहत और बचाव कार्य शुरू किया। मेडिकल टीम द्वारा 29 घायल यात्रियों का इलाज किया जिसमें को गंभीर चोट लगी। जिसे जांच के बाद मृत घोषित किया गया।

रेलवे द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों की सतर्कता परखने व प्रशिक्षण हेतु इस प्रकार की मॉक ड्रिल की जाती है। एनडीआरएफ के साथ भी वर्ष में एक बार मॉक ड्रिल अभ्यास किया जाता है।