जयपुर। शिक्षा विभाग में कार्यविभाजन को तार्किक बनाने, शिक्षकों एवं शिक्षाधिकारियों की वरीयता सुनिश्चित करने एवं सुस्थापित व्यवस्था को बनाए रखने हेतु राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से भेंट कर ज्ञापन सौंपा।
महामंत्री महेंद्र लखारा ने बताया की उनका संगठन 4 लाख शिक्षकों और शिक्षाधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें अध्यापक से लेकर अतिरिक्त निदेशक तक तथा शारीरिक शिक्षा, पुस्तकालयाध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक, कंप्यूटर अनुदेशक इत्यादि संवर्गों के कार्मिक/अधिकारी भी सम्मिलित हैं, इस पत्र के माध्यम से राज्यभर में सेवारत शिक्षकों और शिक्षाधिकारियों की भावनाओं को प्रस्तुत किया है।
प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद पुष्करणा ने बताया कि शिक्षा निदेशालय में अनुभाग अधिकारी के रूप में सहायक निदेशक तथा ब्लॉक, जिला, एवं संभाग स्तर के अधीनस्थ कार्यालयों में सहायक निदेशक, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी, उप जिला शिक्षा अधिकारी (शाशि) जैसे पदों पर शिक्षाधिकारी विभागीय नियमानुसार पदस्थापित हैं। अन्य राज्यों में भी शिक्षक और शिक्षाधिकारी समान व्यवस्था के तहत विभागीय कार्यालयों में नियुक्त किए जाते हैं। साथ ही, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय जैसे प्रतिनिधि शैक्षिक संगठनों में भी शिक्षाधिकारी उच्च कार्यालयों में निर्णायक भूमिकाओं में कार्यरत हैं।
वर्षों से सुस्थापित इस व्यवस्था के बावजूद, मंत्रालयिक संवर्ग के संगठनों के चंद पदाधिकारी, शिक्षकों और शिक्षाधिकारियों को दरकिनार कर उच्च अधिकारियों को सीधे पत्रावली संचालन की मांग करते हैं। पूर्व में तत्कालीन निदेशक द्वारा लिपिक वर्ग की मांग के अनुरूप एकपक्षीय निर्णय कर कार्य विभाजन लागू किया गया था जो मंत्रालयिक संवर्ग के वरिष्ठतम पदों में असंगत वृद्धि एवं अन्य कारणों से अप्रासंगिक और अतार्किक हो चुका है। शासन द्वारा प्रसंगोक्त पत्र के माध्यम से इसे अपास्त करने तथा नए सिरे से तार्किक कार्य विभाजन का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) इस शासकीय निर्णय का पूर्ण समर्थन करता है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उक्त ज्ञापन पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष रमेश चंद पुष्करणा, महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य एवं अतिरिक्त महामंत्री बसन्त जिन्दल उपस्थित थे।