विकसित भारत@ 2047 के लक्ष्य की प्राप्ति में AI की भूमिका अनिवार्य

अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा के अंतर्गत विकसित भारत समिति की ओर से शुक्रवार को विकसित भारत@ 2047 के लक्ष्य की प्राप्ति में AI की भूमिका अनिवार्य है विषयक वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस मौके पर प्राचार्य प्रो.मनोज कुमार बहरवाल ने कहा कि AI के महत्व का आकलन हमें मानव संस्कृति के विकास के साथ जोड़कर करना होगा। वर्तमान समय में हमें तकनीक का उपयोग विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए करना चाहिए।

समिति की संयोजिका डाॅक्टर अर्चना भार्गव ने कहा कि आयुक्तालय, कॉलेज शिक्षा के निर्देशानुसार भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने के उद्देश्य से महाविद्यालय के विद्यार्थियों को जागरूक करना है। इसी के तहत इस वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम संयोजिका प्रो. मीनाक्षी गहलोत ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपने तर्कों व तथ्यों को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत करते हुए अपने बौद्धिक ज्ञान का परिचय दिया।

निर्णायकों के रूप में प्रो. फूला राम परिहार, प्रो. लीलाधर सोनी तथा डॉ. गजेंद्र मोहन उपस्थित रहे। डॉ. परिहार ने AI के व्यावहारिक उपयोग पर जोर दिया। डॉ लीलाधर सोनी ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने तथ्यों को सटीक तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए। डाॅ. गजेंद्र मोहन ने प्रतियोगिता में प्रस्तुतीकरण एवं भाषा शैली के सम्यक उपयोग को महत्वपूर्ण बताया।

प्रतियोगिता में प्रथम स्थान संयुक्त रूप से लीजा कतिरिया एवं समन्यु वर्मा ने, द्वितीय स्थान राहिल खान ने तथा तृतीय स्थान प्रियांशु ने प्राप्त किया। प्रो. आशुतोष पारीक ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर डॉ. सीमा गोठवाल, डॉ. मनोज अवस्थी, डॉ. सत्येंद्र जैन, डॉ निधि यादव, डॉ ज्योति देओल आदि उपस्थित रहे।