अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महा सम्मेलन के श्री रसिक रंग महोत्सव में झूमे श्रद्धालू

अजमेर। अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन अजमेर जिला इकाई की ओर से होली के अवसर पर शनिवार को होटल मेरवाडा स्टेट (भागचंद जी की कोठी) में श्री रसिक रंग महोत्सव मनाया गया। कई आकर्षक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

ईकाई के जिला महामंत्री उमेश गर्ग ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 5:30 बजे ठाकुरजी का होली के लिए आव्हान एवं गुलाल पूजा से हुआ। वैश्य समाज की महिला इकाई की वर्षा फतहपुरिया, इंदु जैन, आशा खंडेलवाल व पूर्वी अग्रवाल के निर्देशन में भक्तिमति मीरा बाई के पावन चरित्र का मंचन किया गया। मीरा बाई के जन्म से लेकर भगवान में विलीन होने तक की समस्त लीला का महिला कलाकारों ने सुंदर तरीके से मंचन किया गया।

महोत्सव में वृन्दावन के प्रेमानंद महाराज के कृपा पात्र शिष्य अतुल कृष्ण गोस्वामी ने अमृतमयी वाणी में फाग के सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई। इसदौरान श्रद्धालु झूमने को मजबूर हो गए।इस अवसर पर श्रीनाथ जी एवं ठाकुर राधा गोपाल जी की अनुपम श्रृंगारित झांकी सजाई गई जिसे संस्था परिवार के सदस्यों ने स्वयं सजाया।

संस्था जिलाध्यक्ष रमेशचंद तापडिया ने बताया कि इस उत्सव में कालीचरण दास खंडेलवाल, रमेशचंद अग्रवाल, ओमप्रकाश मंगल, रमाकांत बाल्दी, पुखराज पहाड़िया, एसडी बाहेती, संजीव गुप्ता, पवन कुमार जैन, अमित कुमार गुप्ता, अनंत विजयवर्गीय, सत्यनारायण चौधरी व विजय कुमार विजय सम्मानित अतिथि रहे। सभी का संस्था पदाधिकारियों ने माल्यार्पण कर, शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर अभिनंदन किया।

कार्यक्रम के संयोजन में महेंद्र जैन मित्तल, जगदीश झवर, शैलेंद्र अग्रवाल, प्रेम प्रकाश विजयवर्गीय, नितिन जैन, सुकेश खंडेलवाल, नीरज गुप्ता, राजेंद्र मित्तल व प्रदीप बंसल की अहम भूमिका रही। l

रूपश्री जैन व इंदु जैन ने बताया कि अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा तपस्या एवं त्याग की प्रतिमूर्ति आचार्य विद्या सागर जी महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए अंगदान की मुहिम को प्रोसाहित करने का कार्य प्रारंभ किया गया है

कार्यक्रम को सफल बनाने में सूरज नारायण लखोटिया, गिरधारीलाल मंगल, अशोक जैन, प्रदीप पाटनी, ज्वाला प्रसाद कांकानी, महेंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश विजयवर्गीय, डॉ कमलेश रावत, वर्षा फतहपुरिया, सीमा खंडेलवाल, पुष्पेंद्र पहाड़िया व कमल खंडेलवाल आदि पदाधिकारियों ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर वृन्दावन के प्रमुख मंदिरों तथा अन्य स्थानों से प्रसाद के रूप में प्राप्त गुलाल सभी श्रद्धालुओं को वितरित की गई।