सिद्धारमैया के बयान पर विवाद, भाजपा ने कहा लिंगायतों का अपमान

बेंगलूरू। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर होने के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने लिंगायत मुख्यमंत्रियों पर टिप्पणी कर बवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया है और इसे पूरे समुदाय का अपमान बताया है।

एक कन्नड़ टीवी पत्रकार ने सिद्धारमैया से भाजपा के रुख के बारे में पूछा कि एक लिंगायत को अगला मुख्यमंत्री बनना चाहिए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पहले से ही एक लिंगायत मुख्यमंत्री है, वह राज्य में सभी भ्रष्टाचारों की जड़ में है।

भगवा पार्टी ने इसे पकड़ लिया और यह कहते हुए तीखा हमला किया कि सिद्धारमैया ने पूरे लिंगायत समुदाय का अपमान किया है। राजस्व मंत्री आर अशोक ने रविवार को कहा कि सिद्धारमैया की ये टिप्पणियां कर्नाटक में कांग्रेस के अंत की शुरुआत हैं। उन्होंने कहा कि आप (सिद्धारमैया) कह रहे थे कि कांग्रेस चुनाव जीतेगी, लेकिन आपकी इन टिप्पणियों ने कांग्रेस के चुनाव जीतने की संभावना को खत्म कर दिया है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की स्थिति राहुल गांधी की तरह है, जिन्हें अपना (सरकारी) घर खाली करना पड़ा, और लिंगायत लोगों का अभिशाप सिद्धारमैया पर होगा। इसके जवाब में सिद्धारमैया ने अपनी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा और स्पष्ट किया कि वह विशेष रूप से बोम्मई का जिक्र कर रहे थे, पूरे लिंगायत समुदाय का नहीं। उन्होंने कहा कि मेरी टिप्पणी केवल बोम्मई को संदर्भित करती है। मैंने केवल कहा कि बसवराज बोम्मई अकेले भ्रष्ट हैं। मैंने यह नहीं कहा कि लिंगायत भ्रष्ट हैं। इसलिए, इस तरह की व्यापक रिपोर्ट बनाना अनुचित है।

उन्होंने कहा कि बहुत ईमानदार लिंगायत मुख्यमंत्री रहे हैं। इनमे एस निजलिंगप्पा, वीरेंद्र पाटिल और अन्य थे, जिनके लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है क्योंकि वे बहुत ईमानदार मुख्यमंत्री थे। मेरी टिप्पणियों को भाजपा द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। कर्नाटक भाजपा ने कल ट्वीट किया : यह अक्षम्य है कि जिस व्यक्ति ने कभी समुदाय को विभाजित करने का प्रयास किया, वह अब यह कह रहा है कि समुदाय भ्रष्ट है।