जयपुर में होने वाले माली महासंगम में अजमेर से पहुंचेंगे हजारों समाजबंधु

अजमेर। प्रदेश की राजधानी जयपुर के विद्याधर स्टेडियम में आगामी 4 जून को होने वाले माली महासंगम में अजमेर से हजारों की संख्या में समाजबंधु शिरकत करेंगे। बीते कई दिनों से समाज के विभिन्न संगठनों, संस्थाओं की ओर से जिले भर में महासंगम को लेकर संपूर्ण माली समाज को न्योता देने का सिलसिला चल रहा है।

माली महासभा युवा ईकाई के प्रदेशाध्यक्ष नवीन कछावा तथा महासभा के प्रदेश महामंत्री महेश चौहान ने बताया कि माली महासंगम में भाग लेने को लेकर प्रदेशभर से माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य समाज में उत्साह बना हुआ है। अकेले अजमेर से करीब 5000 समाजबंधु इसमें शिरकत करने वाले है। इतना ही नहीं बल्कि मातृशक्ति की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए समाज के हर परिवार से एक माता बहन को महासंगम में भाग लेने लिए प्रेरित किया गया है। अजमेर जिले से बसों तथा स्वयं के अन्य साधनों के जरिए माली समाज के हजारों लोग जयपुर पहुंचेंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्वान्ह 11 बजे होगा।

महासंगम में समाज की इन मांगों को लेकर एकराय

महात्मा ज्योतिबा फुले एव सावित्री बाई फुले के द्वारा समाज सुधार, शैक्षिक सुधार एवं तत्कालीन सामाजिक कुरुतियों को दूर करने के लिए किए गए कार्यों के फलस्वरूप उनको भारत रत्न दिया जाए

माता सावित्री बाई फुले के द्वारा महिला शिक्षा एवं सशक्तीकरण के लिए किए गए कार्यों को देखते हुए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन माता सावित्री बाई फुले के शैक्षिक सुधार के लिए किए गए कारणों को देखते हुए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए एवं विद्यालयों में फुले दंपती से संबंधित पाठ्यक्रम शामिल किया जाए।

नए संसद भवन में पुरानी संसद भवन की भांति महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा लगाई जाए।
सैनी, माली, कुशवाह, शाक्य, मौर्य समाज का उनकी आर्थिक एवं समाजिक अति पिछडेपन को देखते हुए 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए एवं केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जाए।

राजस्थान की विधानसभा एवं लोकसभा में हमारे समाज के योग्य उम्मीदवारों को सम्मानजनक संख्या में टिकट वितरण किया जाए।

महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम से बनाए गए नए बोर्ड को तत्काल आयोग का दर्जा दिया जाकर तत्काल प्रभाव से बजट आवंटन लागू किया जाए। जिनका लाभ अति पिछडे वर्ग के लोगों एवं छात्र छात्राओं को मिल सके।

सामाजिक एवं राजनीतिक आंदोलनों में दर्ज मुकदमे जो समाज अंधुओं पर गैर कानूनी रूप से दर्ज कर उन्हें फंसाया गया है वे तुरंत वापस लिए जाएं।

शिक्षा के केन्द्र विश्वविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबा फुले दंपती के नाम से शोधपीठ का गठन किया जाए।

संत शिरोमणि लिखमीदास जी महाराज के नाम से उनके जन्म स्थल अमरपुरा नागौर को पेनोरमा एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।

माली समाज को दूसरे नाम से जाने जाने वाले कुशवाह समाज द्वारा लव कुश बोर्ड का गठन कर अति पिछडा वर्ग को संबंल प्रदान किया जाए।

जातिगत जनगणना 2011 के आंकडे जारी कर जनसंख्या अनुपात में अति पिछडा वर्ग को समाज की मुख्यधारा से जोडने के लिए संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं।