बेहतर विश्व बनाने की दिशा में अहम होंगी जी-20 की बैठकें : शेखावत

जोधपुर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जोधपुर में हो रहीं जी-20 की बैठकें एक बेहतर और विकसित विश्व बनाने की ओर अहम कदम साबित होंगी। उन्होंने कहा कि विश्व के विकासशील देशों की समस्या, चुनौतियां और अवसर एक जैसे हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम सब एक साथ मिलकर काम करें, ताकि वैश्विक चुनौतियों का सामना किया जा सके।

शुक्रवार को जी-20 बैठक के संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जी-20 में रोजगार समूह की बैठक जोधपुर में हो रही है। यह तीन दिन चलेगी। यह पहली बार भारत में ही हो रहा है कि किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन की बैठक देश के अलग-अलग शहरों में हो रही हो। अब तक ऐसी बैठकें देश की राजनीतिक राजधानी या आर्थिक राजधानी में ही होकर रह जाती थीं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पहल करते हुए जी-20 की यह बैठकें देश के मध्यम दर्जे के शहरों में भी आयोजित करवाईं। इसी कड़ी में जोधपुर में भी इसका आयोजन रखा गया है।

उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठकों में कुल 43 डेलीगेट्स हैं। इसमें 20 देशों के प्रतिनिधि, नौ अतिथि देशों के प्रतिनिधि और 14 संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। जी-20 की अंतिम बैठक इंदौर में होगी। इसमें जी-20 की सभी बैठकों में उभर कर आए निष्कर्षो के आधार एक संयुक्त बयान जारी होगा। यह बयान भविष्य के लिए एक गाइड लाइन की तरह होगा।

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि जोधपुर में हो रहीं बैठकों में तीन प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी। पहला विषय है, एड्रेसिंग ग्लोबल स्किल गैप। पूरी दुनिया में तकनीक बढ़ी है। अब सब चीजें ऑटोमाइजेशन की तरफ बढ़ रही हैं। इससे एम्प्लॉयमेंट के परिदृश्य बदल रहे हैं। ऐसे में स्किल के जो गैप हैं, उसे कैसे भर सकें? किस तरह से इस पर काम हो सकता है?

इस पर बैठक में चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि भारत इस समय इंटरनेशल स्किल गैप पोर्टल बनाने पर काम कर रहा है। दुनिया मेें बहुत सारे ऐसे देश हैं, जहां काम ज्यादा है। वहां काम करने वाले लोगों की कमी है। वहां कैसे रोजगार का सृजन हो। इस पर गहनता से काम होगा।

शेखावत ने कहा कि दूसरा विषय गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी एंड सोशल सिक्योरिटी है। इसमें गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा पर चर्चा होगी। शेखावत ने कहा कि ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जिनमें काम करने वाले लोगों को सोशल सिक्योरिटी नहीं मिलती। ऐसे लोगों को किस तरह और कैसे सोशल सिक्योरिटी दे सकते हैं? दुनिया भर के देशों में क्या अपेक्षाएं हैं? इस पर चर्चा होगी।

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि तीसरा विषय कोविड के बाद उभरी आर्थिक परिदृश्य की चुनौतियों को लेकर है। कोविड के बाद जो आर्थिक परिदृश्य बना है और उसके चलते उसी के साथ बुरा दौर देखा है। सोशल सिक्योरिटी की महत्वता तो साबित हुई है, लेकिन सोशल सिक्योरिटीज को चलाने का दुनिया में सभी के सामने संकट है। इसे सस्टेनेबल बनाने के लिए हम एक-दूसरे से सीखें। इस पर बैठक में चर्चा होगी।

शेखावत ने बताया कि पहली बैठक उदयपुर में हुई, दूसरी बैठक जोधपुर में हो रही है और तीसरी बैठक इंदौर में होगी। इस बैठक में सदस्यों देशों के सभी मंत्री संयुक्त बयान जारी करेंगे। जो इन विषयों में गाइड लाइन की तरह काम करेगा।

वसुधैव कुटुम्बकम है टैग लाइन

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जी-20 के इस आयोजन की टैग लाइन वसुधैव कुटुम्बकम रखी गई है। आज सारी दुनिया एक परिवार की तरह है। सब की समस्याएं एक जैसी हैं। चुनौतियां और अवसर भी एक जैसे हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम सब साथ चलें। साथ सोचे और एक साथ एक्ट करें, ताकि वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकें।उन्होंने कहा कि इस बैठक का यही उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बना पाए। एक दूसरे से सीखकर
विकसित देशों के सामने विकासशील देशों में जो चुनौतियां हैं, उन्हें दूर करें।

अंतराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित हुआ

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से इस वर्ष को अंतरराष्ट्रीय मिलेट (मोटा अनाज) वर्ष घोषित किया गया है। जी-20 की बैठक में इसके महत्व को प्रदर्शित करते हुए एक प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें राजस्थान में होने वाले मोटे अनाज को उगाने से लेकर उसे खाने तक की विभिन्न प्रक्रियाएं बताई गई है।