पशु चिकित्सकों ने किया सरकार के लिए सद्बुद्धि हवन का आयोजन

अजमेर। नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग को लेकर तीसरे दिन भी प्रदेश में कार्य बहिष्कार जारी रहा। पशु चिकित्सक अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर रहे।

पशुपालन विभाग के सभी कार्यालयों और पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं। पशु चिकित्सा सेवाएं न मिलने से पशुपालक, पशु प्रेमी परेशान रहे।

राजस्थान पशु-चिकित्सक संघ अजमेर के महासचिव डॉ आलोक खरे ने बताया कि आज शास्त्री नगर अजमेर स्थित परिसर में अजमेर जिले के सभी पशु चिकित्सकों ने धरना प्रदर्शन किया। पशु चिकित्सकों ने सरकार को सद्बुद्धि के लिए हवन किया ताकि पशु चिकित्सकों की बहुप्रतीक्षित नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग शीघ्र ही पूरी करे।

जयपुर में विशाल धरना प्रदर्शन दिनांक 21 को

नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग को लेकर शहीद स्मारक जयपुर में 21 को विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगाजिसमें सभी राजस्थान के गौशाला समिति/संघों एवं पदाधिकारी भी शामिल होंगे। कामधेनु बीमा योजना गारंटी कार्ड धारक, लंपी में मृत गोवंश हेतु आर्थिक सहायता प्राप्त पशुपालक, प्रगतिशील पशुपालक धरने में शिरकत करेंगे।

गौशालाओं के अनुदान में फिर अटका कानूनी दांवपेच

वित्तीय वर्ष 2023 -24 के प्रथम चरण की सहायता राशि के लिए भौतिक सत्यापन 5 सितंबर से 25 सितंबर तक पशु चिकित्सा अधिकारी तथा उपखंड अधिकारी को संयुक्त रूप से करना था। प्रदेश के पशु चिकित्सकों के एनपीए (नॉन प्रैक्टिस अलाउंस) की मांग को लेकर सामूहिक अवकाश पर होने से अभी तक यह कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।

प्रमुख शासन सचिव पशुपालन ने पशु चिकित्सा अधिकारी के स्थान पर अधीनस्थ चिकित्सकीय स्टाफ की नियुक्ति करने के आदेश समस्त कलेक्टरों को जारी किए हैं, लेकिन यह आदेश गोपालन विभाग की अधिसूचना, गौसंरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 के साथ-साथ भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के प्रावधानों के अनुसार सक्षम स्तर से अनुमोदित नहीं है।

उक्त आदेशों की अनुपालन में अगर गौशालाओं का अनुदान पारित होता है तो अनुदान राशि वापस वसूली जा सकती है। इस संबंध में राजस्थान गौ सेवा समिति तथा गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष तथा प्रमुख शासन सचिव को पत्र भी लिखा है। प्रमुख शासन सचिव को भौतिक सत्यापन के लिए अधीनस्थ चिकित्सकीय स्टाफ की नियुक्ति संबंधी आदेश कानूनी पक्ष की जांच करके ही पारित किया जाना चाहिए।