ज्ञान सारस्वत का पुलिस लाइन में खुला चुनाव कार्यालय, जुटा समर्थकों का रैला


अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र

अजमेर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर ​से निर्दलीय प्रत्याशी ज्ञान सारस्वत का चुनाव प्रचार जोर पकडता जा रहा है। गुरुवार को उन्होंने दिनभर में ताबतोड जनसंपर्क करते हुए अनेक जगहों पर चुनाव कार्यालय का उदघाटन किया। पुलिस लाईन चौराहा व बलदेव नगर माकड़वाली रोड पर चुनाव कार्यालय के उदघाटन मौके पर समर्थकों का रैला जुट गया।

भाजपा के गढ माने जाने वाले माली बहुल क्षेत्र भोपों का बाडा, पुलिस लाइन में उन्हें अपार जनसमर्थन मिला तथा चुनाव कार्यालय उदघाटन में भारी भीड उमडी। बुजूर्गों, महिलाओं ने उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया। सारस्वत की निरंतर बढती जा रही लोकप्रियता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे जहां भी पहुंचते हैं वहां युवाओं की टोली उनके साथ चल पडती है।

पुलिस लाइन में अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत पुलिस लाईन चौराहा स्थित नया बाड़ा पर खंडेलवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीचरण सराफ, रमेश तापड़िया, वैश्य समाज अजमेर जिलाध्यक्ष सुभाष काबरा ने  खुद मौके पर आकर सारस्वत के चुनाव कार्यालय का उदघाटन किया। इस मौके पर क्षेत्र के सबसे बुजूर्ग भंवरलाल ने सभी से निवेदन किया कि ईमानदारी की मिसाल ज्ञान सारस्वत को जीत दिलानी है, सबकों साथ देना है। इसी तरह दूसरा चुनाव कार्यालय बलदेव नगर माकड़वाली रोड पर खोला गया। सभी क्षेत्रववासियों ने ज्ञान सारस्वत को विजयी बनाने के लिए संकल्प लिया। इस अवसर पर सैकडों की संख्या में ज्ञान सारस्वत को समर्थन देने के लिए 36 कौमो के प्रतिनिधियों ने उपस्थित होकर आशीर्वाद दिया।


ना बिकूंगा, ना डिगूंगा, सेवा ही मेरा धर्म : सारस्वत

इस मौके पर प्रत्याशी सारस्वत ने कहा कि जिस भरोसे के साथ सर्व समाज ने प्रत्याशी बनाकर जिम्मेदारी दी है उस पर कायम रहूंगा। ना बिकूंगा, ना डिगूंगा। आप 25 नवंबर को वोट देकर फज्र निभाएं, इसके बाद आपके फर्ज का कर्ज चुकाने की बारी मेरी रहेगी। राजनीति में कई दल और पार्टियां मैदान में हैं, कई तरह की अफवाहे भी उडाई जाती हैं। किसी के कहने से भ्रम में नहीं पडना है। हमारा लक्ष्य चुनाव की तारीख और उस दिन चुनाव चिन्ह सीटी पर वोट करना रहे। भ्रष्टाचार पर चोट करने और अजमेर को हक दिलवाने का लक्ष्य पूरा होने तक विश्राम नहीं करना है। जीत होने के बाद मुझे ना एमएलए कहलाने की इच्छा है ना नेता बनने की। अब सर्व समाज ही मेरा परिवार है। में भी इसका सदस्य हूं। बस सबको अपनी भूमिका पूरे मनोयोग से अदा करनी है। चुनावी रण में सर्व समाज ही ज्ञान सारस्वत है।